kon se muhurat mai car kharidne, 
अब चूकि त्‍योहारों का सीजन प्रारंभ हो रहा है हमें अपने व्‍यवसाय या घरेलू उपयोग के लिये वाहन की आवश्‍यकता होती है कुछ लोग नये वाहन लेते है तो कुछ पुराने वाहन लेकर काम चलाते है अधिंकाशत देखा होगा कि कुछ लोग जिन्‍होने व्‍यवसाय के लिये वाहन खरीदे है उनके वाहनों को लगातार काम मिलता रहता है तो और बिना किसी नुकसान और एक्‍सीडेंट के बहुत अच्‍छे से चलते रहते है। लेकिन कुछ लोगो के वाहन गैरिज में खड़े रहते हैया चलते है तो खराबी, नुकसान और एक्‍सीडेंट जैसी बुरी समस्‍या का सामना करना पड़ता है। ऐसा  ही घरेलू वाहनो के साथ होता है।
 
तो चलिए आज हम बताते है कि कौन से मुहुर्त में वाहन का क्रय किया जाये जिससे वह सफलता दिलाये।
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तो जैसा आप जानते है कि वाहनो का हमारे जीवन में उतना ही महत्‍व है जितना किसी जीव का, नही तो हमारे देश में बुलट का मंदिर नही बना होता, यदि आपको इस मंदिर के बारे में नही मालूम तो में इसकी छोटी सी बात बताती हूं  ओम बन्ना एक पवित्र दर्शनीय स्थल है जो राजिस्‍थान के पाली जिले में स्थित है ये पाली शहर से मात्र 20 किमी दूर है यहाँ लोग सफल यात्रा और मनोकामना मांगने दूर दूर से आते है यहाँ ये एक बुलेट के रूप में पूजे जाते है ये मंदिर पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है
 
सन 1988 में ओम बन्ना अपनी बुलेट पर अपने ससुराल बगड़ी साण्डेराव से अपने गाँव चोटिला आ रहे थे तभी उनका पेड़ से टकराने से एक्सीडेंट हो गया,  ओम सिंह राठौड़ की उसी वक़्त मृत्यु हो गयी एक्सीडेंट के बाद उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर अगले दिन पुलिस कर्मियों को वो बुलेट थाने में नही मिली वो बुलेट बिना सवारी चल कर उसी स्थान पर चली गयी अगले दिन फिर उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर फिर वही बात हुयी ऐसा तीन बार हुआ चौथी बार पुलिस ने बुलेट को थाने में चैन से बाँध कर रखा पर बुलेट सबके सामने चालू होकर पुनः अपने मालिक सवार के दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी अतः ग्रामीणो और पुलिस वालो ने चमत्कार मान कर उस बुलेट को वही पर रख दिया उस दिन से आज तक वहा दूसरी कोई बड़ी दुर्घटना वह नही हुयी जबकि पहले ये एरिया राजस्थान के बड़े दुर्घटना क्षेत्रो में से एक था
 
 
 
तो यह कहानी सुनाने से मेरा मतलब यह था कि वाहन खरीदने से पहले उसका शुभ मुहुर्त जरूर निकलवाये। उसके लिये आप वाहन की कुंडली बनवाये जैसे किसी जातक की बनती है। जैसे व्‍यक्ति पूर्व कर्मों के अनुसार एक निश्चित लग्‍न में पैदा होता है और अशुभ योगो में जन्‍म होने पर जातक को जीवन भर हानी,  कठनाई का सामना करना पड़ता है, इसी प्रकार इन सब परेशानियों से बचने के लिए हम ज्‍योतिषीय योगों का पालन करते है। चूंकि वाहनों का उत्‍पादन कारखानों में निरंतर होता रहता है वहां हम योग और लग्‍नों का इंतजार नही कर सकते, लेकिन जब हम वाहन खरीदने जाते है तब हम इन शुभ मुहूर्तों का पालन कर सकते है। वाहन खरीदते करते समय हम उस समय की लग्‍न कुंडली का निर्माण करें तथा जातक की वाहन तब खरीदें जब ऐसी लग्‍न हो जिसमें पैदा होने वाला जातक दीर्घआयु, सुखी, संपन्‍न हो, दुर्मरण योग, अल्‍पायु, अर्थ हानि योग उस लग्‍न में न हों, साथ ही वाहन क्रय करने वाले की कुडली में शुभा शुभता पर भी विचार करना चाहिए-
 
सामान्‍यता वाहन खरीदते समय सोमवार, बुधवार, गुरूवार,एवं शुक्रवार अच्‍छे माने गये है।
नक्षत्रों में अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्‍य, हस्‍त, चित्रा, स्‍वाति, श्रवण, धनिष्‍ठा, श‍तभिषा एवं रेवती हो।
वृषभ, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, एवं मीन लग्‍न अच्‍छे है तथा इसके साथ भी शुभ होरा भी देखे।
उस समय सूर्य जिस नक्षत्र पर हो उस नक्षत्र से वाहन खरीदने वाले दिन के चंद्र नक्षत्र तक गिनती करें। यदि यह क्रम एक से 9 तक आता है तो उस नक्षत्र मे वाहन न खरीदे। 10 से 12 तक के नक्षत्र में  वाहन खरीदना श्रेष्‍ठ एवं लाभदायक होता है।
 

 

 

 

इस प्रकार मुहूर्त अपनी जन्‍मकुंडली तथा क्रय करते समय की लग्‍न कुंडली दोनों का मिलाकर शुभ समय निकालकर वाहन खरीदा जाये तो मेरा ऐसा अनुभव है कि हम होने वाली दुर्धटनाओं से निजात पा सकते है  तथा सखी व सुरक्षित रह सकते है

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