घर के लिये सोलर कैसे लगवाए Solar Panel for Home Best Solar System for home or factory. सोलर पैनलों की उम्र सामान्यत: 25 साल होती है. मेटेनेंस में भी खर्च नहीं है. बस 5 साल में बैटरी बदलवानी होगी, जिसमें करीब 10 हजार प्रति बैटरी रुपये का खर्च आएगा।
Govt Scheme for Solar Rooftop: आप कोई सरकारी या प्राइवेट नौकरी कर रहें हो या फिर अपना बिजनेस… महीना पूरा होते ही बिल की कतार लग जाती है. सैलरी मिली नहीं कि बिल भरने की टेंशन शुरू. बच्चों की स्कूल फीस, टेलीफोन या मोबाइल का बिल, दूध का बिल, पानी का बिल, बिजली का बिल वगैरह. वैसे आपके घर का बिजली बिल कितना आता है?
800-1000 रुपये या शायद इससे ज्यादा ही आता होगा! यानी सालाना मोटा-मोटी एक-सवा लाख का खर्च है. इसे खर्च को हमेशा के लिए खत्म ही कर दिया जाए तो कितनी बड़ी राहत होगी न! इसके साथ ही अगल आमदनी भी हो, तो क्या ही कहना! यानी बिजली भी फ्री और मोटी कमाई भी. अब सवाल ये है कि इसके लिए करना क्या होगा? सबसे सस्ता सोलर पैनल कौन सा है? कौन सी कंपनी का सोलर पैनल अच्छा होता है?
Best Solar Company in India for Installation – Solar Service Inc.
Contact No. – +91-9981947003
सोलर लगवाने के लिये यह नीचे दिया विडियो जरूर देखे
बस आप इस खबर की हेडलाइन पढ़ के ही समझ जाइए कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं. जी हां! बिल्कुल सही समझा आपने. हम बात कर रहे हैं घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने के बारे में. आप पूरी तरह अपने खर्च से इसे लगवा सकते हैं और सरकार की मदद से भी.
दरअसल, केंद्र सरकार देश में साल 2022 तक ग्रीन एनर्जी का उत्पादन 175 गीगावॉट तक ले जाना चाहती है. सरकार के इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद करने के लिए सरकार आपको सब्सिडी भी दे रही है और आपसे बिजली खरीद कर आपको पैसे भी देगी. है न कमाल का प्लान? तो चलिए इस बारे में विस्तार से बात करते हैं.
छत पर आसानी से इंस्टॉल हो जाएगा सोलर पैनल
सोलर पैनल को कहीं भी इंस्टॉल कराया जा सकता है. आपके घर की छत इसके लिए मुफीद जगह है. आपकी छत पर धूप तो आती ही होगी! तो आप वहां सोलर पैनल लगाकर बिजली बना सकते हैं और सरकारी ग्रिड में भी सप्लाई कर सकते हैं. सोलर पैनल लगाना चाहें तो केंद्र सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय से रूफटॉप सोलर प्लांट पर 30 फीसदी सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं. या अगर अपने खर्च से लगवाएंगे तो करीब 1 लाख रुपये का खर्च आएगा.
सब्सिडी पर सब्सिडी.. ले सकते हैं लोन भी
भागलपुर के स्थानीय डीलर गोपाल कुमार ने बताया कि सोलर पैनल की कीमत फिलहाल तकरीबन 80 हजार से एक लाख रुपये तक पड़ रही है. वे ग्राहकों को बैंक से लोन फाइनेंस कराने की भी सुविधा दिलवाते हैं. हालांकि सरकार से सब्सिडी के बाद इसे मात्र 60 से 70 हजार रुपये में इंस्टॉल कराया जा सकता है. केंद्र सरकार के अलावा कुछ राज्य सरकारें भी इसके लिए अलग से सब्सिडी देती हैं. इतने के बावजूद अगर आपके पूरे पैसे नहीं हैं तो आप बैंक से लोन भी ले सकते हैं.
सोलर पैनल खरीदने के लिए आप रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए हर राज्य की राजधानी समेत प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं. वहीं सब्सिडी के लिए फॉर्म मिलेगा. आप प्राइवेट डीलर्स के पास से भी सोलर पैनल ले सकते हैं.
25 साल तक निश्चिंत, फ्री बिजली और कमाई भी
सोलर पैनलों की उम्र सामान्यत: 25 साल होती है. मेटेनेंस में भी खर्च नहीं है. बस 10 साल में बैटरी बदलवानी होगी, जिसमें करीब 20 हजार रुपये का खर्च आएगा. इस पैनल से बनने वाली बिजली आपके लिए फ्री ही रहेगी. वहीं आप अपने यूज से बची बिजली को ग्रिड के जरिए सरकार या कंपनी को बेच भी सकते हैं. मतलब फ्री बिजली के साथ कमाई भी.
अगर आप दो किलोवाट का सोलर पैनल लगवाते हैं तो 10 घंटे की धूप से करीब 10 यूनिट बिजली बनेगी. यानी एक महीने में 300 यूनिट बिजली. आपके घर का कंजप्शन अगर 100 यूनिट भी हो रहा हो तो बाकी 200 यूनिट आप सरकार को बेच सकते हैं. हर राज्य में निर्धारित दर के हिसाब से आपको भुगतान किया जाएगा.
घर के लिए सोलर सिस्टम या सोलर पैनल “Solar Panel for Home”
सोलर सिस्टम क्या होता है?
Solar System एक ऐसा सिस्टम है, जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा को अवशोषित करके उसे Electric Energy में बदल देती है। बता दें कि यह Solar Panel, Solar Battery, Solar Inverter और Solar Stand के एक सेट होता है। इसमें हर एक Component, Balancing Of System (BOS) के लिए जरूरी है। आज के समय में लोग अपनी जरूरत के हिसाब से 1 किलोवाट से लेकर Microgrid Level (1kW, 2kW, 3kW, 5kW, 10kW, 15kW, 25kW, 35kW, 50kW, 100kW) तक के सोलर सिस्टम को अपने यहाँ लगाते हैं।
सौर ऊर्जा क्या होता है? (What is Solar Energy)
बता दें कि Solar Energy सूर्य से निकलने वाली ऊष्मा है, जिसे एक तकनीक के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। इसके लिए आज के समय में Photovoltaic Panel, Solar Heater, Silicon आदि जैसे कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। यह ऊर्जा का एक ऐसा स्त्रोत है, जो कभी खत्म नहीं हो सकता है और भारत में इस क्षेत्र में संभावनाओं की कोई भी कमी नहीं है।
1. सोलर पैनल (Solar Panel)
सोलर पैनल एक ऐसा उपकरण है, जो सूर्य की रोशनी को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है। बता दें कि यह एक फोटोवोल्टिक मॉड्यूल होता है और आज के समय में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सोलर पैनल सिलिकॉन से बनते हैं।
बता दें कि यदि आप अपने घर में सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, तो इसका चयन आप अपनी जरूरत के हिसाब से करते हैं। जैसे यदि आप अपने घर में सोलर पैनल (Small Solar Panel) से सिर्फ मोबाइल चार्ज करना चाहते हैं या लाइट जलाना चाहते हैं, तो आप अपनी इन जरूरतों को 10-20 वाट के सोलर पैनल को लगा कर भी पूरा कर सकते हैं। वहीं, यदि आप 8-10 बल्ब और 3-4 पंखा वगैरह चलाना चाहते हैं, तो आप 1 किलो वाट का सोलर पैनल (1kW Solar Panel System) लगा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप पानी का मोटर या फ्रिज चलाना चाहते हैं, तो आप 3 किलो वाट का सोलर पैनल (3kW Solar Panel System) ले सकते हैं। वहीं, यदि आप अपने घर में एसी लगाना चाहते हैं, तो आपको 5 किलो वाट का सोलर पैनल (5kW Solar Panel System) खरीदना होगा। इससे आप बिजली के मामले में लगभग पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएंगे।
आज के समय में बाजार में सोलर पैनल की तलाश ग्राहकों के अलावा डीलरो, डिस्ट्रीब्यूटरों और मैन्यूफैक्चररों को भी रहता है। हालांकि आज के समय में बाजार में इसकी कीमतों को लेकर काफी अनिश्चिता बनी हुई है और ग्राहकों को काफी कन्फ्यूजन का सामना करना पड़ता है।
इस प्रकार आज सोलर पैनलों की कीमत 750 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है। एक सिंगल पैनल से आप जितना चाहें, उतनी क्षमता के सोलर सिस्टम को अपने घर में इंस्टाल कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम का सबसे मुख्य भाग सोलर पैनल होता है। सोलर पैनल सूर्य से आने वाली किरणों को दिष्ट विद्युत धारा में परिवर्तित करता है| सोलर पैनल की कीमत लगभग पूरे सोलर सिस्टम की 40% तक होती है| वर्तमान समय में भारत में 2 तरह के सोलर पैनल उपलब्ध है जिसमें से एक है पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline) और दूसरा है मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline)|
पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline Solar Panel) पुरानी तकनीक से बना हुआ है जो कुछ परिस्थितियों में सही ढंग से काम नहीं कर पाता है जैसे- बारिश के मौसम में और बादल होने पर|
जबकि दूसरे मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Monocrystalline Solar Panel) आधुनिक तकनीक पर बने हुए हैं और यह सामान्य सोलर पैनल की तुलना में ज्यादा सही तरीके से काम करते हैं| यह पैनल बारिश के मौसम और बादल होने पर भी बिजली उत्पन्न करते हैं|
यदि बात करे 1kW सोलर पैनल (Cost of 1kW Solar Panel) की कीमत की तो इसकी कीमत लगभग 35,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक मिलता है, ये निर्भर करता है सोलर पैनल की Technology, Quantity, Quality, Brand और उसके Service पर निर्भर करता है. यदि बात करे सौर उर्जा प्लेट पर वाट की कीमत की तो आपको 18 रुपये से लेकर 36 रुपये तक मार्केट में उपलब्ध है.
सोलर पैनल्स माडल | सेल्लिंग प्राइस | प्राइस/वाट |
10W | ₹ 1050 | ₹ 105 |
20W | ₹ 1650 | ₹ 82.5 |
40W | ₹ 2550 | ₹ 63.75 |
50W | ₹ 3050 | ₹ 61 |
75W | ₹ 5500 | ₹ 73.33 |
125W | ₹ 8500 | ₹ 68 |
200W | ₹ 10000 | ₹ 50.00 |
445W | ₹ 21000 | ₹ 47.19 |
Shark 550W, 24V | ₹ 25,000 | ₹ 45.45 |
Bifacial Solar Panel 440-530W | ₹ 21,750 | ₹ 49.43 |
2. इनवर्टर (Inverter)
इनवर्टर
सोलर पैनल के बाद दूसरा मुख्य भाग है जो सोलर पैनल के द्वारा उत्पन्न हुई बिजली को दिष्ट विद्युत धारा या डीसी करंट को प्रत्यावर्ती धारा या एसी करंट में परिवर्तित करता है| सामान्तः सोलर इनवर्टर की कीमत पूरे सोलर सिस्टम की लगभग 25% होती है|
सोलर इन्वर्टर माडल | सेल्लिंग प्राइस | प्राइस/वाट |
750 VA/12V | ₹ 750 | ₹ 75 |
1100 VA/12V | ₹ 1300 | ₹ 65 |
1400 VA/12V | ₹ 1900 | ₹ 47 |
1800 VA/24V | ₹ 2400 | ₹ 48 |
2.5 KVA/48V | ₹ 4000 | ₹ 53 |
3.7 KVA/48V | ₹ 6000 | ₹ 48 |
7.5 KVA/96V | ₹ 7500 | ₹ 41 |
9.5 KVA / 96V | ₹ 11500 | ₹ 34 |
12.5 KVA / 96V | ₹ 13000 | ₹ 34 |
3. बैटरी (Battery)
सोलर पैनल से उत्पन्न हुई बिजली को संग्रहित करने के लिए बैटरी का प्रयोग किया जाता है क्योंकि रात्रि के समय सोलर पैनल को धूप ना मिलने के कारण सोलर पैनल काम करना बंद कर देते हैं और उस समय बिजली के लिए बैटरी की जरूरत होती है| बैटरी की संग्रहण क्षमता को दर्शाने के लिए Ah का प्रयोग किया जाता है जिसमें सामान्य 150Ah सबसे अधिक बिकता है| 150Ah की बैटरी से लगभग हम 3 से 4 घंटे तक 400 वाट बिजली की वस्तुओं को काम में ले सकते हैं और लगभग पूरी रात एलईडी बल्ब और पंखा चला सकते हैं|
4. सोलर पैनल ढांचा (Solar Panel Stand)
सोलर पैनल के लिए एक सही ढांचे का प्रयोग किया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि सोलर पैनल छत पर लगाए जाते हैं और तेज हवा चलने से यह गिर कर टूट भी सकते है| इसके साथ-साथ सोलर पैनल को सही दिशा में और सही कोण में लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता के सोलर स्ट्रक्चर या ढांचे की आवश्यकता होती है |
भारत में दो तरह के सोलर सिस्टम मुख्यतः होते हैं ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम| ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) में सोलर सिस्टम सीधे बिजली के खंभों से जुड़ा हुआ होता है और नेट मीटर की सहायता से बिजली का आदान प्रदान करता है जबकि ऑफ ग्रिड सोलर (Off Grid Solar System) में सोलर सिस्टम स्वतंत्रता पूर्वक कार्य करता है सोलर सिस्टम को चलने के लिए किसी भी प्रकार की अलग से बिजली की आवश्यकता नहीं होती है|
सोलर सिस्टम की जरूरत क्यों है?
प्रौद्योगिकी में हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन बिजली उत्पन्न करने के लिए आज भी कोयले का ही प्रयोग किया जाता है जिससे वातावरण में प्रदूषण बढ़ता है और कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है| इस समस्या को सोलर सिस्टम के द्वारा समाप्त किया जा सकता है| हम सोलर सिस्टम लगाकर खुद की बिजली को उत्पन्न कर सकते हैं और होने वाले प्रदूषण को रोक सकते हैं| आइए देखते हैं सोलर पैनल से हमें क्या क्या लाभ मिलते हैं|
1. निवेश के अवसर (Investment Opportunity) –
लोग हमेशा अपने बचाए हुए पैसों को कहीं ना कहीं निवेश करने के अवसर की तलाश करते हैं और उन सभी का एक ही लक्ष्य होता है कि जितना ज्यादा हो सके मुनाफा मिले और पैसे डूबने का जोखिम ना हो| क्या आप जानते हैं? आप सोलर में निवेश करके सबसे ज्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं और यहां जोखिम भी नहीं होता है| वर्तमान समय में बाजार में निवेश के लिए निम्न विकल्प है शेयर बाजार (Share Market), सावधि जमा या फ़िक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit), एल आई सी (LIC), म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund), इत्यादि
इन सभी विकल्पों में किसी में मुनाफ़ा ज्यादा है तो रुपए डूब ने का जोखिम भी ज्यादा है और किसी में जोखिम कम है तो वहां पर मुनाफ़ा भी कम है| अब यदि हम बात करें सोलर सिस्टम की तो लगभग 1 किलोवाट सोलर सिस्टम से हम साल भर में लगभग 1500 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकते हैं| जिसकी कीमत आवासीय स्थानों पर लगभग 12000 रुपए तक होती है और यदि हम बात करें व्यावसायिक स्थानों पर तो लगभग प्रति यूनिट ₹11 होता है जिसके अनुसार लगभग साल के हम ₹15000 तक का बिजली का बिल बचा सकते हैं और 1 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत मात्र ₹60000 होती है यानी कि सोलर सिस्टम हमें 1 साल में 20% तक का मुनाफ़ा देता है और प्रति 5 वर्ष में हमारा मूल-धन दोगुना हो रहा है| क्योंकि जो पैसे हम बचाते हैं वही पैसे हम कमाते हैं| तो आज तक हमने सोलर सिस्टम को एक वस्तु की तरह ही देखा है लेकिन यह हमारे लिए एक अच्छा निवेश का विकल्प हो सकता है|
2. बिजली का बिल कम करने के लिए (Reduce Electricity Bill)
सोलर सिस्टम का मुख्य फायदा है इससे हम हर महीने आने वाले बिजली के बिल से छुटकारा पा सकते हैं और उन पैसों को दूसरे कामों में ले सकते हैं| एक सामान्य घर का बिजली का बिल सालाना ₹60000 होता है और हमें मेहनत और कठिन परिश्रम से कमाए हुए रुपए से यह चुकाना होता है यदि हम सोलर सिस्टम लगा ले तो इन रुपए को हम बचा सकते हैं|
3. बिजली संग्रहण के लिए (Power Backup)
आज भी भारत में ऐसे कई स्थान है जहां पर सही तरीके से बिजली नहीं पहुंच पाई है और वहां के लोग डीजल जनरेटर का प्रयोग करते हैं जिससे काफी ज्यादा प्रदूषण होता है और उन्हें बार-बार डीजल खरीद कर लाना पड़ता है यदि उन स्थानों पर सोलर सिस्टम लगा दिया जाए तो एक ही बार में बार-बार के डीजल खरीदने से छुटकारा मिल जाएगा और प्रदूषण भी नहीं होगा| इसलिए सोलर बिजली संग्रहण के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है|
सोलर के बारे में कल्पित तथ्य या Myths:-
1. क्या सोलर कश्मीर और हिमाचल में काम करेगा?
हां, सोलर सिस्टम कश्मीर और हिमाचल या किसी भी ठंडे प्रदेश में भी सही तरह से कार्य करेगा क्योंकि सोलर से बिजली उत्पन्न करने के लिए धूप की आवश्यकता होती है| जहां तक सूरज की किरणों की पहुंच होगी वहां पर बिजली को पैदा किया जा सकता है| लेकिन जहां सोलर पूरे वर्ष काम करता है उसकी जगह कश्मीर और हिमाचल में सोलर लगभग 200 से 250 दिन तक ही काम करेगा क्योंकि भारी बर्फबारी होने के कारण सोलर पैनल को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाएगी और यह बिजली उत्पन्न करने में असमर्थ हो जाएंगे| यानी सोलर सिस्टम कश्मीर या किसी भी ठंडे स्थान पर भी सही तरह से काम करेंगे|
सोलर सिस्टम की श्रेणी और इससे कितनी बिजली उत्पन्न कर सकते हैं?
र्तमान समय में सोलर सिस्टम का चलन काफी बढ़ रहा है और सोलर सिस्टम को आसानी से स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल, घरों, बैंक, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर देखा जा सकता है| सोलर सिस्टम अलग-अलग आकार में बाजार में उपलब्ध है और इन्हें सामान्यतः दो श्रेणियों में बांटा गया है|
1 से 10 किलोवाट – 1 से 10 किलो वाट तक के सोलर पैनल आवासीय श्रेणी में आते हैं और सरकार द्वारा इन पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाती है|
10 किलोवाट से ज्यादा – इस श्रेणी के सोलर सिस्टम को व्यावसायिक श्रेणी में गिना जाता है और इन पर किसी प्रकार की सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती है|
इंडिया में सोलर सिस्टम की कीमतें
इंडिया में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) लगभग 80,000 रुपए में उपलब्ध है और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) 95,000 रुपए में उपलब्ध है| निचे दिये गये सोलर सिस्टम की कीमत में Product की Delivery आपके घर तक, सिस्टम का इंस्टालेशन करना सभी जुड़ा हुआ है.
पावर प्लांट | ऑफ ग्रिड | ऑन ग्रिड |
500 Watts | ₹ 50,000 | ₹ 28,000 |
1 kW | ₹ 95,000 | ₹ 80,000 |
2 kW | ₹ 199,000 | ₹ 160,000 |
3 kW | ₹ 285,000 | ₹ 240,000 |
5 kW | ₹ 485,000 | ₹ 400,000 |
7 kW | ₹ 665,000 | ₹ 560,000 |
10 kW | ₹ 950,000 | ₹ 800,000 |
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