paudha se grah dosh ke upay ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने का सस्ता उपाय है पौधों की जड़े क्योंकि…
ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मंत्रपाठ, हवन ,ध्यान और उपाय संबंधी रत्नों का उपयोग किया जाता है। इन सभी के अत्यधिक मूल्यवान होने से कई बार ये सभी सामान्य लोगों की पहुंच से ये रत्न काफी दूर होते हैं। इसलिए ऐसे में मनुष्यों को वृक्षों की जड़ धारण करने को कहा जाता है। माना जाता है कि ये जड़े रत्नो से अधिक असरदार होती है।
हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा इससे संबंधित व्याख्या ज्योतिष और वास्तु संबंधी ग्रंथों में विस्तार से की गई है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, हमारे सौरमंडल के विभिन्न ग्रहों का अलग-अलग प्रकार के वृक्षों पर आधिपत्य है। जो वृक्ष ऊंचे और मज़बूत तथा कठोर तने वाले हैं, उनपर सूर्य का विशेष अधिकार होता है। दूध वाले वृक्षों पर चंद्र का प्रभाव होता है।
लता , वल्ली इत्यादि पर चंद्र और शुक्र का अधिकार होता है। झाडिय़ों वाले पौधों पर राहू और केतू का विशेष अधिकार है। जिन वृक्षों में रस विशेष न हो, कमज़ोर, देखने में अप्रिय और सूखे वृक्षों पर शनि का अधिकार है। सभी फलदार वृक्षों पर बृहस्पति, बिना फल के वृक्षों पर बुध का और फल , पुष्प वाले चिकने वृक्षों पर शुक्र का अधिकार है। औषधीय जड़ी बूटियों का स्वामी चन्द्रमा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में किसी ग्रह के अधीन आने वाले वनस्पतियों और औषधियों से ही उस ग्रह-जनक रोग का उपचार किया जाता है।