वास्तुशास्त्र के अनुसार छोटे-छोटे पौधों को घर की किस दिशा में लगाया जाए ताकि उन पौधों के गुणों से हम अपना भाग्य उदय कर सके, इसके बारे में हम आपको बता रहे है।
poudha ko kis disha mein rakhna chahiye – तुलसी का पौधा इसी प्रकार का एक छोटा पौधा है जिसके औषधीय एवं आध्यात्मिक दोनों ही महत्व हैं। प्राय: प्रत्येक हिन्दू परिवार के घर में एक तुलसी का पौधा अवश्य होता है। इसे दिव्य पौधा माना जाता है।
माना जाता है कि जिस स्थान पर तुलसी का पौधा होता है वहां भगवान विष्णु का निवास होता है। साथ ही वातावरण में रोग फैलाने वाले कीटाणुओं एवं हवा में व्याप्त विभिन्न विषाणुओं के होने की संभावना भी कम होती है। तुलसी की पत्तियों के सेवन से सर्दी, खांसी, एलर्जी आदि बीमारियां भी नष्ट होती हैं।
* तुलसी के पौधों को यदि घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जाए तो उस स्थान पर अचल लक्ष्मी का वास होता है अर्थात उस घर में आने वाली लक्ष्मी टिकती है।
इसे घर के आंगन (ब्रह्म स्थान) में भी लगाया जा सकता है। तुलसी का पौधा औसतन 10 पेड़ों के बराबर ऑक्सीजन छोड़ता है। इस पौधे का औषधीय व आध्यात्मिक महत्व भी है।
* घर की पूर्वी दिशा में फूलों के पौधे, हरी घास, मौसमी पौधे आदि लगाने से उस घर में भयंकर बीमारियों का प्रकोप नहीं होता।
* पान का पौधा, चंदन, हल्दी, नींबू आदि के पौधों को भी घर में लगाया जा सकता है। इन पौधों को पश्चिम-उत्तर के कोण में रखने से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है।
* घर के चारों कोनों को ऊर्जावान बनाने के लिए गमलों में भारी प्लांट को लगाकर भी रखा जा सकता है। दक्षिण-पश्चिम कोने में अगर कोई भारी प्लांट है तो उस घर के मुखिया को व्यर्थ की चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
* पलाश, नागकेसर, अरिष्ट, शमी आदि का पौधा घर के बगीचे में लगाना शुभ होता है। शमी का पौधा ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जो घर से निकलते समय दाहिनी ओर पड़ता हो।
* घर के बगीचे में पीपल, बबूल, कटहल आदि का पौधा लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार ठीक नहीं। इन पौधों से युक्त घर के अंदर हमेशा अशांति का अम्बार लगा ही रहता है।
* फूल के पौधों में सभी फूलों, गुलाब, रात की रानी, चम्पा, जास्मीन आदि को घर के अंदर लगाया जा सकता है किन्तु लाल गेंदा और काले गुलाब को लगाने से चिंता एवं शोक की वृद्धि होती है।
* शयनकक्ष के अंदर पौधे लगाना अच्छा नहीं माना जाता। बेल (लतरने) वाले पौधों को अगर शयनकक्ष के अंदर दीवार के सहारे चढ़ाकर लगाया जाता है तो इससे दाम्पत्य संबंधों में मधुरता एवं आपसी विश्वास बढ़ता है।
* अध्ययन कक्ष के अंदर सफेद फूलों के पौधे लगाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। अध्ययन कक्ष के पूर्व एवं दक्षिण के कोने में गमले को रखा जाना चाहिए।
* रसोई घर के अंदर गमलों में पुदीना, धनिया, पालक, हरी मिर्च आदि के छोटे-छोटे पौधों को लगाया जा सकता है। वास्तुशास्त्र एवं आहार विज्ञान के अनुसार जिन रसोई घरों में ऐसे पौधे होते हैं वहां मक्खियां एवं चीटियां अधिक तंग नहीं करतीं तथा वहां पकने वाली सामग्री सदस्यों को स्वस्थ रखती है।
* भगवान शिव को बेल बहुत प्रिय है। अनुश्रुति के अनुसार बेल वृक्ष पर साक्षात भगवान शिव वास करते हैं। जिस घर में ये वृक्ष होता है उस घर में मां लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।
घर के उत्तर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में कम ऊंचाई वाले पौधे जैसे तुलसी, गेंदा, आंवला, चम्पा, चमेली, मोतिया आदि लगाने चाहिए। ये पौधे वायु को शुद्घ रखते हैं। उत्तर-पूर्व में छोटे पौधे होने से उगते सूर्य की पैराबैंगनी किरणें आसानी से घर में प्रवेश कर सकती हैं। घर के दक्षिण-पश्चिम में ऊंचे पेड़ जैसे नीम, बड़, पीपल आदि हों तो शुभ फल देते हैं।
पीपल-पीपल की मुख्य विशेषता यह है कि यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। असाध्य रोग के लिए भी यह लाभकारी है। पीपल घर से पर्याप्त दूरी पर हो तो अच्छा है,
क्योंकि इसकी जड़ें दूर-दूर तक फैलती हैं, जो भवन की नींव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। रात को इस पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे तीव्र मात्र में गैस निकलती है, जिससे मूर्छा का डर रहता है।
नीम-इस वृक्ष का औषधीय महत्व अधिक है। इसकी पत्तियों को प्रवेश द्वार पर बांधना शुभ होता है। यह आयुर्वेद की लगभग 300 औषधियां बनाने के काम आता है। इसकी लकड़ी से बने फर्नीचर व दरवाजों में दीमक नहीं लगती। इसकी टहनी का प्रयोग दातुन के रूप में किया जाता है।
केला-केले के पौधे को शुभ व धन-संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के प्रवेश द्वार पर व शादी-विवाह के मंडप को सजाने के काम में लाते हैं। इसके पत्तों पर भोजन खाना स्वास्थ्य के लिए हितकारी माना जाता है।
केले का पौधा ( Banana Tree ) :- केले का पौधा धार्मिक कारणों से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. गुरुवार को इसकी पूजा की जाती है और अक्सर पूजा पाठ के समय केले के पत्ते का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसे घर के ईशान कोण में लगाना चाहिए क्योंकि यह वीरवार ग्रह का प्रतिनिधि वृक्ष है. इसे ईशान कोण में लगाने से घर में धन की बढ़ोतरी होती है. केले के पास यदि तुलसी का भी पेड़ लगा लें तो बहुत ही शुभ होगा. इससे विष्णु और लक्ष्मी की कृपा साथ साथ बनी रहती है. कहा जाता है कि इस पेड़ की छांव के नीचे यदि आप बैठकर पढाई करते है तो पढाई में मन तो लगता ही है बल्कि वह जल्दी जल्दी याद भी होता चला जाता है.
घर में केले का पेड़ लगाना भी बहुत अच्छा होता है केले के पेड़ में पीला कपड़ा बांधकर रखने से धन की कमी नहीं होती है.
बांस-बांस को उत्तर-पूर्व में लगाया जाना शुभ होता है। यह कारोबार में वृद्घि व सुख-समृद्घि देने वाला है। चीन में बांस के पौधे का उतना ही महत्व है, जितना भारत में पीपल के पेड़ का। यह तड़ित विद्युत यंत्र का भी काम करता है।
इन पौधों को घर में लगाएं
नीम, नींबू, अनानास, आम, अनार, चंदन, बादाम, कटहल व पान के पौधे घर में बने बगीचे में लगाना शुभ फलदायक माना जाता है। घर के परिसर में लगाए गए केले व नारियल के वृक्ष मानसिक शांति देते हैं व स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयुक्त हैं।
फूलों के पौधे
मोगरा यानी चमेली का पौधा घर में लगाना शुभ रहता है। ये पौधे मन को आनंदित करने वाली खुशबू तो देते ही हैं, पूजा में भी काम आते हैं। मोगरा के फूलों की माला गूंथकर उसे पूजा स्थल की सजावट के भी काम में लाया जा सकता है। नीले व लाल रंग के कमल के फूल का भी ऐसा ही प्रभाव माना जाता है।
इन बातों का रखें खयाल
छोटे पौधों को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इस बात का खयाल रखें कि उत्तर-पूर्व में खुला स्थान बना रहे। लम्बे वृक्षों को बगीचे/भवन के पश्चिम, दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाएं। इन्हें लगाते हुए यह खयाल रखें कि ये भवन की इमारत से पर्याप्त दूरी पर हों व सुबह 9बजे से दोपहर 3 बजे के बीच इनकी छाया इमारत पर न पड़े।
विशाल दरख्तों जैसे पीपल, नीम आदि को भवन से पर्याप्त दूरी पर लगाना चाहिए, क्योंकि इनकी जड़ें भवन की नींव को क्षति पहुंचा सकती हैं। इस बात का भी खयाल रखें कि इन दरख्तों की छाया सुबह 9 बजे से दोपहर 3बजे के बीच इमारत पर न पड़े।
कांटेदार पौधों को घर में कभी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि ऐसे पौधे नकारात्मक ऊर्जा के वाहक होते हैं। खासकर कैक्टस तो बिल्कुल भी नहीं। इनकी घर में उपस्थिति अशुभ मानी जाती है। अगर आपके घर में कोई कांटेदार पौधा है भी, तो उसे तुरंत उखाड़ फेंकें।
लताओं यानी बेलनुमा पौधों को आंगन या घर की दीवार पर न फैलने दें। इन्हें बगीचे में ही लगाएं और इन्हें अपनी सहायता से आप फैलने दें, लेकिन इन्हें बढ़ने के लिए घर या आंगन की दीवार का सहारा न दें। मनी प्लांट अवश्य घर के भीतर लगाया जा सकता है। जो वृक्ष सांप, मधुमक्खी, कीड़े, चीटिंयों, उल्लू आदि को आमंत्रित करते हैं, ऐसे वृक्षों को बगीचे में न लगाएं।
पान का पौधा ( Betel Plant ) :- पान का पौधा एक ऐसा पौधा है जिसका इस्तेमाल दवाई के रूप में किया जाता है और इसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य को लाभ भी प्राप्त होता है. उसी प्रकार से चंदन, हल्दी और नींबू भी इसी तरह के पौधे है. जिनको हम घर में भी लगा सकते है. अगर घर में किसी बात पर तनाव चल रहा है तो इनमें से किसी भी पौधे को घर की पश्चिम या उत्तर दिशा में लगाने से तनाव खत्म होकर घर में रहने वाले व्यक्तियों के बीच प्यार बढ़ जाता है और अन्य सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.
चमेली चमेली अपने घर में प्यार और पैसे को आकर्षित करती है। चमेली का तेल के सबसे शक्तिशाली कामोत्तेजक में से एक होने के लिए जाना जाता है और इसका तेल रोमांस को जिंदा रखने में मदद करता है।
नींबू नींबू का पेड़ लगाने से घर में खुशियां आती हैं। यह दोस्ती और शुद्धता को दर्शाता है।
घर में दक्षिण-पूर्व दिशा का कोना धन और समृद्धि देने वाला माना गया है. ऐसा कहा जाता है की यदि घर का गार्डन दक्षिण-पूर्व दिशा के कोने में हो तो यह बहुत अच्छा होता है. इस दिशा में चौड़े पत्तों वाले पौधे लगाने चाहिए.
घर में कांटेदार पौधे न लगाए Ghar mein kaantedar poudhe nahi lagaye
घर में कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए और साथ ही जिन पौधों से दूध निकलता है ऐसे पौधे भी घर में नहीं लगाने चाहिए. कांटेदार पौधे से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है घर में गुलाब का पौधा लगाया जा सकता है लेकिन इसे छत पर रखना बेहतर होता है.
घर में बोनसाई का पौधा न लगाए Ghar mein bonsai ka poudha na lagaye
घर में बोनसाई का पौधा नहीं लगाना चाहिये वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि बोनसाई पौधा घर पर रखने से घर के सदस्यों का आर्थिक विकास नहीं हो पता है.
आंगन में लगाएं ये पेड़–पौधे : कुछ ऐसे पौधे और पेड़ हैं जिन्हें घर के आंगन में लगाना शुभ फल देता है। जैसे अनार, दालचीनी, नारियल, अशोक, गुलाब, बकुल, चमेली, केसर और चंपा के पेड़–पौधे शुभफलदायी होते हैं
इमली का पेड़
कहा जाता है कि इमली के पेड़ में भूत रहता है इसलिए घर में इसे नहीं लगाना चाहिए। लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। दरअसल इमली के पेड़-पत्तों में अम्ल की मात्रा काफी अधिक होती है जिसके कारण इमली के पेड़ के आस-पास के वातावरण में अम्लीयता काफी अधिक हो जाती है जो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।