solar electric power generation सौर ऊर्जा से पैदा की गई बिजली की यूनिटों को वापस बिजली निगम को बेचकर आप महीने में काफी रुपये बचा सकते हैं। बिजली निगम आपके द्वारा दी गई यूनिटों का भुगतान निर्धारित 6 से 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से करेगा। योजना में 1 किलोवॉट से 500 किलोवॉट तक प्लांट स्थापित किया जा सकता है। मगर लोग अपने घर पर बिजली कनेक्शन के लोड की क्षमता तक का ही प्लांट स्थापित कर सकते हैं। जैसे किसी ने बिजली निगम से घर के लिए 2 किलोवाट का कनेक्शन ले रखा है तो उसे 2 किलोवाट क्षमता का ही प्लांट लगाने की अनुमति मिलेगी।
how to install solar panels at home – आप छत पर सौर ऊर्जा प्लांबट लगाकर आप बिजली बेच सकते हैं, इस विडियो में इसकी पूरी डीटेल दे रही हूं जिसमें सौर पैनल की टेक्नीाकल डीटेल भी शामिल है चाहे आप प्लांबट घर पर लगवाये या ना लगवाये लेकिन लेकिन आप अपने आपको अपडेट रखने के लिये इसकी विस्तृसत जानकारी जरूर रखे क्योचकि यह आने वाले सोलर समय की शुरूआत है और इसमें यदि आपको यदि सोलर पैनल टैक्नाकलाजी की जानकारी नही होगी तो नुकसान अपका ही होगा।
अभी जो आप इमेंज देख रहे है वो मेरे कैमरे से शूट की हुई है। जैसा अभी तक सभी को मालूम होगा की घर की छत पर सोलर प्लेट लगाकर मकान मालिक खुद बिजली बना सकता हैं और साथ ही घर में उपयोग करने के बाद बचने वाली बिजली विद्युत निगम को बेच भी सकता है.
जी हां, यह सच है और इस तरह का एक प्रोजेक्ट जिसमें उपभोक्ता द्वारा घर में उपयोग लिए जाने के बाद बची हुई बिजली सप्लाई करने के लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है. बची हुई बिजली घर के मीटर से होते हुए विद्युत निगम से सप्लाई हो जाएगी, जिसकी मात्रा या माप नेट मीटरिंग डिवाइस में दिख जाएगी और उपभोक्ता के खाते में उसके अनुरूप ही बिजली बिल की राशि में कमी या अतिरिक्त भुगतान हो जाएगा.
इससे आप पर एक बार तो खर्च आएगा, मगर सोलर की लाइफ 25 से 30 साल तक होती है जिसमें उनके बिजली के बिल कम होते रहेंगे. लागत तो चार से पांच साल में पूरी वसूल हो जाएगी. और कई राज्यि तो संपत्तीक कर में छूट दे रहे है। तो वो पैसा अलग से बचेगा ।
how to install solar panels on roof- घर में बिजली उत्पादन कर सोलर प्लांट लगाने के लिए एक किलोवाट लोड के लिए 80 हजार रुपए का खर्च एक बार ही आएगा. इससे एक महीने में यदि 6 घंटे सूर्य की रोशरी प्लेलट पर पड़ती है तो करीब 80 प्रतिशत के अनसार माह में 150 यूनिट बिजली का उत्पादन उपभोक्ता के घर पर होगा और बिजली उपभोक्ता के घर पर नेट मीटरिंग लगाया जाएगा, जिससे अगर किसी उपभोक्ता के घर पर दिन में दस यूनिट बिजली उत्पन्न हुई और उसने दिन में चार यूनिट का ही उपभोग किया तो वह शेष बिजली का उपभोग रात को कर सकेगा.
होम लोन की दर पर मिलेगा लोन
इसके अलावा जो लोग छतो पर सोलर प्लांहट लगाने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो उन्हेंप होम लोन या होम इंप्रूवमेंट लोन की दरों पर लोन उपलब्धि कराया जाएगा। इसमें नौ बैंक इनमें स्टेगट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक आसानी से इस रेट पर लोन दे रहे है।
15 फीसदी मिलेगी केंद्रीय वित्तीनय सहायता
सरकार भी देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहती हैं। इसलिये एमएनआरई ने जून 2014 में ग्रिड कनेक्टेरड रूफटॉप एंड स्माउल सोलर पावर प्लांपट प्रोग्राम लांच किया था। इसके तहत एक किलोवॉट से लेकर 500 किलोवॉट तक के प्लां ट लगाने वाले घरों, दुकानों और संस्थाकनों को प्लां ट की कैपिटल कॉस्टं को 30 फीसदी केंद्रीय वित्तीेय सहयोग (सीएफसी) देने की बात कही गई थी, जिसे घटाकर अब 15 फीसदी किया जा रहा है। इसके अलावा प्लांटट के लिए आयात शुल्कल व उत्पायदन शुल्कय में छूट का भी प्रावधान किया गया है।
क्याा है ग्रिड कनेक्टेतड सौर ऊर्जा प्लांवट
सौर ऊर्जा व ग्रिड कनेक्टेशड प्लां ट से आशय आपके घर की छत पर लगे सोलर पैनल को ग्रिड की लाइन से जोड़ दिया जाएगा और आपके घर पर एक मीटर लगा होगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि कितनी बिजली ग्रिड में जा रही है। इसके बाद सरकार द्वारा निर्धारित दर पर आपके सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली की कीमत आपको मिलने लगी है।
क्या आएगी लागत
एक 250 वर्ग गज वाली छत पर सोलर पैनल लगाकर 10 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है। ऐसे में वर्तमान दरों के मुताबिक 10 किलोवाट वाली क्षमता का प्लां ट लगाने में 8 से 10 लाख रुपये तक एक बार का खर्च आएगा। इसके बाद चार-पांच साल में बैटरी बदलने के अलावा कोई खर्च नहीं होगा।
आप बढ़ते बिजली के खर्च से परेशान हैं तो इसकी चिंता छोड़ दीजिए। अब खुद बिजली बनाइए और बिजली निगम को तय कीमत में बेच दीजिए। सुनने में तो यह अटपटा लगेगा, लेकिन सरकार लोगों को कुछ ऐसी ही सुविधा दे रही है। अक्षय ऊर्जा विभाग के माध्यम से ग्रिड कनेक्टिंग पावर प्लांट योजना शुरू हुई है। इसमें घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली पैदा की जाएगी। प्लांट लगाने को सरकार 30 प्रतिशत या कम से कम 20 हजार रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी भी देगी।
यह देने होंगे प्रमाण पत्र
घरों पर पावर प्लांट लगाने के लिए पहचान पत्र देना होगा। घरेलू या गैरसरकारी संगठन, सामाजिक संगठन, सरकारी स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान, शिक्षण संस्थान (पंजीकृत सोसाइटी या ट्रस्ट) संचालक ही प्लांट लगा सकते हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्लांट लगाने की अनुमति नहीं मिलेगी। प्लांट में एक सोलर पैनल, एक इनवर्टर व एक नेट मीटर लगेगा। इनवर्टर पैनल से आई डीसी वोल्टेज को एसी में कन्वर्ट करेगा।
प्लांट लगाने की प्रक्रिया
घर की छत पर प्लांट लगाने के लिए बिजली निगम से अनुमति लेनी होगी। आवेदन एप्रूव्ड होने के बाद प्लांट स्थापित करना होगा। अधिकारी आवेदन के आधार पर निरीक्षण करने आवेदनकर्ता के घर या प्लांट पर जाएंगे। सबकुछ मानदंडों पर खरा मिलने पर अनुमति मिल सकेगी। अक्षय ऊर्जा विभाग से ऑनलाइन स्वीकृति मिलते ही आप बिजली निगम से कहकर नेटमीटर की इंस्टॉलेशन करा सकते हैं।
सीजीआरटी प्लांट के फायदे
-बिजली बिल कम होगा
-खाली छत का भी लोग प्रयोग कर सकेंगे
-बिजली निगम को बिजली बेचने पर रुपयों की बचत भी होगी
-ग्रीन पावर को बढ़ावा मिलेगा
-लाइन लोड, बिजली वितरण की समस्याएं भी हो सकेंगे कम
-1 किलोवाट का सोलर प्लांट वर्षभर में 1.50 टन वातावरण में कम करेगा कार्बन
-25 वर्ष तक सोलर प्लांट देगा साथ
सोलर प्लांट की विशेषताएं
– प्लांट दिन के समय में बिजली पैदा करेगा।
– प्लांट का सिस्टम बैट्री बैंक के साथ और बैट्री बैंक के बिना भी इंस्टॉल हो सकता है।
– प्लांट स्थापना को 9 से 10 वर्ग मीटर प्रति किला वॉट का स्थान चाहिए।
नोट -लोगों को अपने घरों पर प्लांट के साथ एक नेट मीटर भी लगाना होगा। जिसे लगाने का कार्य बिजली निगम ही करेगा। नेट मीटर सोलर एनर्जी से पैदा हुई यूनिटें और ग्रिड से आई यूनिटों की पूरी जानकारी अलग-अलग रखेगा। मीटर सोलर प्लांट से बनी बिजली को अपने आप ही ग्रिड को भेज देगा।