bhringraj oil ke fayde – Anju Jadon News & Blogs https://anjujadon.com News & knowledge in Hindi Tue, 10 May 2022 14:21:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.5 https://anjujadon.com/wp-content/uploads/2023/03/cropped-anjujadon_new-32x32.jpg bhringraj oil ke fayde – Anju Jadon News & Blogs https://anjujadon.com 32 32 भृंगराज बालों का झड़ना रोकने, बालों को घना बनाने https://anjujadon.com/bhringraj-oil-ke-fayde-bhringraj-oil-for-hair-growth/ https://anjujadon.com/bhringraj-oil-ke-fayde-bhringraj-oil-for-hair-growth/#respond Fri, 22 Sep 2017 16:18:00 +0000 https://anjujadon.com/2017/09/22/%e0%a4%ad%e0%a5%83%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%9d%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a5%8b/ परिचय : 1. इसे भृंगराज (संस्कृत), भांगरा (हिन्दी), भीमराज (बंगाली), माका (मराठी), भांगरो (गुजराती), काइकेशी (तमिल), गलगरा (तेलुगु), कदीमुलविंत (अरबी) तथा बैडिलिया कैलेण्डुलेसिया (लैटिन) कहते हैं।   भृंगराज एक औषधि है, इसका दूसरा नाम एक्‍लिप्‍टा एल्‍बा है। आयुर्वेद में इसे ‘रसायन’ माना जाता है। यह जड़ी बूटी भारत भर में पाईं जाती है, विशेष रूप से दलदली स्थानों […]

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परिचय : 1. इसे भृंगराज (संस्कृत), भांगरा (हिन्दी), भीमराज (बंगाली)माका (मराठी), भांगरो (गुजराती), काइकेशी (तमिल), गलगरा (तेलुगु), कदीमुलविंत (अरबी) तथा बैडिलिया कैलेण्डुलेसिया (लैटिन) कहते हैं।
 
भृंगराज एक औषधि है, इसका दूसरा नाम एक्‍लिप्‍टा एल्‍बा है। आयुर्वेद में इसे रसायनमाना जाता है। यह जड़ी बूटी भारत भर में पाईं जाती है, विशेष रूप से दलदली स्थानों में तो मिल ही जायेगी लेकिन यह कहीं भी जैसे खेत, मैदान, पहाड़ी इलाको में भी आसानी से मिल जाता है  फूलों के अनुसार यह तीन तरह का मिलता है, सफेद, पीला, नीला जिसमें नीला दुर्लब है लेकिन सबसे अधिक प्रचलित है सफेद फूल का एक्लिपटा एल्बा। जो कई बीमारियों को शांत करने के लिए  प्रभावकारी है। इसमें ऊर्जावान बनाने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के गुण होते हैं इसके साथ ही यह बालों का झड़ना रोकने, बालों को घना बनाने, जिगर विषहरण, सूजन को कम करने, पेट की पीड़ा कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, आँखो की सुरक्षा और निम्न रक्तचाप में उपयोगी होता है।
 
हम यहां आपको पीले फूल वाला भृंगराज दिखा रहे है
 
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आयुर्वेद के मुताबिक बालों का झड़ना और बालों से जुड़ी अन्‍य समस्‍यायें पित्‍त दोष के कारण होती हैं, और भृंगराज का तेल इसी समस्‍या को दूर करने में मदद करता है। यह बालों को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित तौर पर बालों में भृंगराज तेल से मसाज करने से स्‍कैल्‍प में रक्‍त प्रवाह बढ़ जाता है। इससे बालों की जड़ें सक्रिय हो जाती हैं और बालों का बढ़ना शुरू हो जाता है।
 
 भृंगराज का तेल को बनाते समय इसमें शिकाकाई, आंवला जैसी अन्‍य औषधियां भी मिलायी जा सकती हैं। इसके साथ ही इसमें तिल या नारियल का तेल भी मिलाया जा सकता है।
 
ये सब मिलकर आपके बालों को स्‍वस्‍थ और घना बनाते हैं। और इसका तेल न बना सके तो सबसे आसान उपाय है भृंगराज को छांव में सुखा ले, सुखे भृंगराज के साथ आंवला बहेड़ा रीठा शीकाकाई को मिलाकर मिक्‍सर में पीस ले पीसे हुए पाउडर को जब भी उपयोग करना हो तो उसे रात में या 2 घंटे पहले लोहे की कड़ाही में पानी के साथ फुला ले फिर इसे बालों में लगाये यदि हो सके तो इसमें एलोवेरा जैल भी मिला ले जो बालों को कंडिशनिंग के साथ ही जड़ों को मजबूत बनाएगा।
 
भृंगराज के तेल से नियमित मसाज करने से स्‍कैल्‍प पर संक्रमण नहीं होता। इससे डैंड्रफ दूर रहती है। इसका नियमित इस्‍तेमाल बालों को असमय सफेद होने से रोकता है और बालों का कुदरती रंग बरकरार रखता है।
 
कही से इसका पौधा मिल जाए तो  उसके रस में देशी घी मिला कर पका कर कम से कम  2 चम्मच  रोज पिलाय  ,एक महीने  तक लगातार पिलाने से  व्यक्ति का तोतलापन दूर हो जाएगा 
 
 
  
भृंगराजके पत्तों को सुखा कर  उसका चूर्ण बना लो अब उस चूर्ण  को ।  शहद और  गाय के घी में मिलाकर  प्रतिदिन सोने से पहले  एक चम्मच रात को एक महिने तक   खाए । ऐसा करने से आंखों की कमजोरी और  आंखों से संबंधित सभी समस्याएँ दूर होने लगती है।
 
1. श्वास- : 100 ग्राम भृंगराज का रस 20 ग्राम तेल में पकाकर सेवन करने से श्वास- दूर हो जाता है।
2. बाल काले करना : भृंगराज-पुष्प और गुड़हल-पुष्प को भैंस के दूध में पीसकर लोहे के पात्र में बन्द कर गाड़ दें। एक सप्ताह पश्चात् निकाल रात्रि में उसे सिर में लगाकर सोया करें। कुछ ही दिनों में बाल काले हो जायेंगे।
3. फोड़ा : भृंगराज के पत्तों को पीस तेल में पकाकर छान लें। उसमें थोड़ा मोम डाल मलहम बना लें। इसे फोड़ा-फुन्सी पर लगाने से फोड़ा भर जाता है तथा सड़न नहीं होती।
4. भृंगराज की पत्तियों को पीस कर उनका रस निकाल लें और उसे ललाट पर लगाएं। इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा।–
 
5. माईग्रेन या आधा सीसी दर्द होने पर भृंगराज की पत्तियों को बकरी के दूध में उबाला जाए व इस दूध की कुछ बूँदें नाक में डाली जाए तो आराम मिलता है। हाथी पाँव हो गया हो तो इसके पत्ते पीसकर सरसों का तेल मिलाकर लगाएं।
 
6. आँखों में हुए इन्फेक्शन ओर दर्द से निजात पाने के लिए भृंगराज से बने रस को आँख की दवा की तरह आँखों में डाले! इससे आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी और इसी के पत्ते से बने पेस्ट को चोट ओर ज़ख्मो पर लगाने से वे ठीक होते हैं! त्‍वचा रोग फटी एडि़यां और कई प्रकार के इन्‍फेक्‍शन रोकने में यह कारगर है
 
7. पाइल्स की परेशानी से ग्रस्त हैं तो भृंगराज के पत्ते और तने पीसकर मिला लें। 50 ग्राम मिश्रण में 20 ग्राम काली मिर्च मिला लें। इस मिश्रण की गोलियां बना लें। इन गोलियां का सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलेगा।
8. मसूढ़ों में दर्द की समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो इसकी पत्तियों का रस निकालकर मसूढ़ों पर लगाएं। इससे दर्द से राहत मिलेगी।
 यदि बच्चा मिट्टी खाना किसी भी प्रकार से न छोड़ रहा हो तो भांगरा के पत्तों के रस १ चम्मच सुबह शाम पिला देने से मिट्टी खाना तुरंत छोड़ देता है
 

 

9- दो चम्मच भृंगराज  रस में १ चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से उच्च रक्तचाप कुछ ही दिनों में सामान्य हो जाता है |

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