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]]>गिलोय को आयुर्वेद में मौजूद सभी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। गिलोय को ‘अमृत’ के समान माना जाता है। इसलिये इसे अमृता भी कहते हैं कि पुराने समय कहा जाता था कि गिलोय देवताओं को युवा और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता था। गिलोय के अधिकतर औषधीय गुण उसके तने में होते हैं, लेकिन उसकी पत्तियां, फल और जड़ भी बहुत उपयोगी होते हैं।
गिलोय को पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। आंवला के साथ इसके पाउडर का नियमित रूप से सेवन करें, इससे पाचन बेहतर होता है। गिलोय का रस आप छाछ के साथ भी ले सकते हैं। इससे अपच में राहत मिलती है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से संबंधित सभी रोग ठीक हो जाते है। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावरी को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर ये आधा हो जाए तो सुबह-शाम इसका सेवन करें। इससे आपको राहत मिलेगी।
गिलोय को डायबिटीज में काफी प्रभावी माना जाता है। यह एक हाइपोग्लिसीमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है। मधुमेह रोगियों को अपने रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के उच्च स्तर को कम करने के लिए गिलोय को जूस जरूर पीना चाहिए।
गिलोय के उपयोग से गठिया में राहत मिलती है। अगर आप गठिया से पीड़ित हैं तो आपको गिलोय को सेवन करना चाहिए। दरअसल, इसमें सूजन कम करने के साथ-साथ गठिया विरोधी गुण भी पाए जाते हैं, जो गठिया के दर्द और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार होते हैं।
गिलोय को आंखों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। गिलोय के रस को आंवले के साथ मिलाकर पीने से आंखो के लिए लाभ पहुंचता है। इसके सेवन से आंखो से संबंधित रोग तो दूर होते ही है साथ ही रोशनी भी बढ़ती है। गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें इस काढ़े में पीपल के चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें। आप नियमित रूप से गिलोय का जूस पीजिए, जरूर फायदा मिलेगा। कुछ लोग गिलोय को पानी में उबालकर, उसे ठंडा करके आंखों की पलकों पर भी लगाते हैं।
अगर आपके पैरो में बहुत जलन होती है इस जलन से छुटकारा पाने के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते और आंवला के साथ मिलाकर इसका काढ़ा बना लें। इसका सेवन रोज कम से कम दो या तीन बार करें। ऐसा करने से आपके हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाएगी।
अगर आपके कानों में दर्द हो रहा हो तो गिलोय के पत्तों का रस काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए इसके पत्ती के रस को गुनगुना करके कान पर डालें। इससे आपको राहत मिलेगी।
गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। नियमित रूप से गिलोय के जूस का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ आप कोरोना वायरस बल्कि अन्य कई बीमारियों को भी मात दे सकते हैं।
गिलोय का तेल दूध में मिलाकर हल्का गर्म करें और किसे फटी त्वचा पर लगाएं इससे त्वचा कोमल हो जाएगी।
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]]>गिलोय एक प्रकार का जंगली बेल होती है. जो भारत के सभी राज्यों में असानी से मिल जाता है. जो किसी भी पेड़ पर तलाओं के रूप में फैलता है. गिलोय की लता देखने में रस्सी जैसी होती है. गिलोय की सबसे खास बात ये है कि इसकी लताएं कभी सूखती नहीं हैं। ऋृषी-मुनियों के समय से ही गिलोय का इस्तेमाल भारत में औषधी के रूप में किया जाता रहा है. भारत में कोविड-19 की लहर आने के बाद गिलोय का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी इलाके में काफी ज्यादा होने लगा है
गिलोय की पहचान कैसे करना है?
आज हम गिलोय की पहचान बता रहे है जिसेे वर्तमान समय में भी अधिकांश लोग अच्छे से नहीं कर पाते हैं. गिलोय की पत्तियां पान के पत्तों की तरह होता है. पान के पत्तों और गिलोय के पत्तियों में रंग का फर्क होता है. गिलोय की पत्तियों का रंग ज्यादा गाढ़ा होता है. यह ज्यादातर जंगलो खेतो के पास, बगीचे में लगे हुये पेड़ पर, रोड के किनारे पेड़ो पर आपको आसानी से मिल जायेगी। गिलोय कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो हमारी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ और भी कई तरह के फायदे पहुंचाता है. यह पेट के लिए काफी लाभदायक होता है।
पहचान के लिये आप नीचे दिया विडियो जरूर देखे ।
इम्युनिटी को करता है बूस्ट
गिलोय को इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है. और यह कोरोना से बचने के लिये यह जमकर यूज हो रही है क्योकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है. वायरस से होने वाली बीमारियों में आपके शरीर की रक्षा करता है. इसमें पाएं जाने वाले औषधीय गुण आपको सर्दी-जुकाम से भी बचाते हैं. अगर आपको सर्दी-जुकाम हो गया है तो आप तुलसी के पत्तों के साथ गिलोय के डंठल को पानी के साथ किसी बर्तन में गर्म कर लें. ऐसा करने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है.
इसके फायदे के लिये आप नीचे दिया विडियो जरूर देखे ।
अस्थमा के रोगियों के लिए है वरदान
गिलोय में भारी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाएं जाते हैं. एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सांसों से संबंधित समस्याओं में राहत दिलाता है. गिलोय अनचाहे कफ पर लगाम लगाने का काम करता है. साथ ही फेंफड़े को साफ रखने में भी सहायक होता है. फेंफड़े को स्वस्थ रखने का काम करता है. इसलिए अस्थमा के रोगियों को गिलोय के सुखे डंठल का इस्तेमाल करना चाहिए.
डेंगू बुखार से रक्षा करता है
कोरोना से पहले गिलोय का उपयोग डेंगू के मरीज किया करते थे. डेंगू के दौरान रोगी का शरीर तपने लगता है. गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक तत्व बुखार के मरीज के लिए काफी लाभदायक होते हैं. साथ ही इम्युनिटी को बुस्ट भी करता है. जिससे डेंगू के मरीज को जल्दी ही आराम मिल जाता है. डेंगू के मरीज पहले गिलोय के हरे तने को पहले काट लें. इसके बाद उसको अच्छे से धो लें और किसी बर्तन में तने को तबतक उबाले जबतक पानी का रंग हरा नहीं हो जाए. इसके बाद कप में पानी को छान लें. फिर इसका सेवन करें.
खून की कमी को दूर करता है
गिलोय में ग्लूकोसाइड और पामेरिन, टीनोस्पोरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. यह गुण शरीर में खून की कमी को दूर करने में सहायक होते हैं. इसलिए एनीमिया के रोगियों को गिलोय का सेवन लगातार करते रहना चाहिए. गिलोय का रस शरीर में टीनोस्पोरिक एसिड की कमी को पूरा करता है. इसलिए आपको गिलोय के हरे डंठल को जूसर में पिस कर सेवन करना चाहिए.
पीलिया के रोगियों के लिए है फायदेमंद
पीलिया (Jaundice) के रोगियों के लिए गिलोय काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. पिलिया से परेशान लोगों को गिलोय के पत्तों का रस पिलाने से आराम मिलता है. गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है. पालिया के मरीज सबसे पहले गिलोय की पत्तियों का तोड़ लें. इसके बाद मिक्सर में पत्तियों को अच्छे से पीसे लें. इसके बाद उसका सेवन करें.
गिलोय का काढ़ा
गिलोय की लताओं का काढ़ा बनाकर पीना सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है। यदि गिलोय नहीं मिल पाता. ऐसे में आप गिलोय का रस और गिलोय की गोलियों का भी सेवन कर सकते हैं. बाजार में कई कंपनियों का गिलोय रस और गिलोय की गोलियां उपलब्ध हैं इसके लिये आप नीचे दी हुई लिंक से खरीद सकते है
खरीदने के लिये (Purchase link)-
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गिलोय का नियमित रूप से सेवन करने से आप कोरोना वायरस के कहर से भी खुद की रक्षा कर सकते हैं. गिलोय ग्रामीण व शहरी इलाकों में आसानी से मिल जाता है. बस आपको इसके डंठल को काटना होगा. इसके बाद डंठल के उपरी परत को हटा दें. या पूरा धो कर उपयोग कर सकते है इसके बाद सिलवट पर गिलोय के डंठल को कूट ले या पिस लें. फिर उसको पानी के साथ गर्म करें. जब पानी का रंग हरा हो जाए. उसको छान लें. फिर उसका सेवन करें. गिलोय का स्वाद काफी कड़वा होता है. लेकिन पेट में जाने के बाद यह आपको काफी एक्टिव कर देता है. काड़ा कैसे बनाना है इसके लिये आप नीचे दिया हुआ विडियो जरूर देखे
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