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]]>Hing Making Business भारतीय खाने में सबसे ज्यादा पसंद करने वाली हींग जो की भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। भारतीय लोग इस बात को अच्छे से जानते हैं कि, जबतक हींग खाने में ना डाली जाए तबतक खाने में स्वाद नहीं आता है। ये सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि ये कई रोगों से लोगों को मुक्त भी कराती है। इसको औषधीय हींग भी कहते हैं जिसका इस्तेमाल आप घरेलू नुस्खों में कर सकते हैं, और होने वाली बीमारी जैसे- गैस की समस्या, पेट में कब्ज, पेट में दर्द, पाचन क्रिया को बढ़ाने आदि में कर सकते हैं। इससे आपको आराम भी मिलता है और घरेलू नुस्खे से आप ठीक भी हो जाते हैं। इसलिए हींग को हर एक खाने में इस्तेमाल में लाया जाता है.
हींग को हमेशा हमने डिब्बी में ही देखा है, लेकिन असल में हींग का एक पौधा होता है, जिसमें तेज गंध और उसका स्वाद काफी कठोर होता है। जिसके कारण इसका इस्तेमाल खाने के साथ इसे सौन्दर्य प्रसाधनों में खुशबु साथ ही पानी में मिलाकर खाने में डालने के लिए किया जाता है। साथ ही जो कोई भी बिजनेसमेन अपने मसालों में हींग की मात्रा को रखता है वो हींग के बिजनेस करने वाला व्यापारी ही कहलाता है। क्योंकि वो ज्यादा से ज्यादा हींग को अपने काम में लाता है।
हींग की यदि हम बात करें तो यह एक पौधा होता है जिसमें तेज गंध एवं कठोर स्वाद होता है। और इसमें अनेकों औषधीय गुण भी विद्यमान रहते हैं यही कारण है की इसका इस्तेमाल अनेकों सौन्दर्य प्रसाधनों में सुगन्ध देने के लिए तो खाद्य एवं पेय पदार्थों में स्वाद की बढ़ोत्तरी के लिए किया जाता है। और भारतीय खाने में ऐसे बहुत सारे व्यंजन हैं जिन्हें बनाने में हींग का इस्तेमाल एक प्रमुख मसाले के तौर पर किया जाता है।
इसलिए जब किसी उद्यमी द्वारा कच्चे हींग में स्टार्च या गोंद मिलाकर इसे स्वादिष्ट एवं मसाले के तौर पर इस्तेमाल में लाये जाने योग्य बनाया जाता है। तो उस उद्यमी द्वारा किया जाने वाला यह काम हींग बनाने का व्यापार या CompoundedAsafoetida Manufacturing Business कहलाता है।
ये बात पहले ही आपको बताई गई है कि, हींग का कच्चा माल ईरान या फिर अफगानिस्तान से आयात होता है। जिसके कारण यहां ईरानी और पठानी दोनों हींग काफी प्रसिद्ध है। ये भी कई प्रकार की होती हैं जिसके स्वाद में भी अंतर होता है। अगर आप चाह रहे हैं हींग का बिजनेस शुरू करना तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा।
यह उत्पाद आप आसानी से कर सकते हैं क्योंकि इसका काम आसानी से और समय रहते हो जाता है। साथ ही इसका उत्पाद आपके लिए लाभकारी रहेगा क्योंकि आप इसे ज्यादा से ज्यादा स्टोर कर सकते हैं। हींग एक ऐसा पदार्थ है जिसकी नमी पानी और तेल के लिए एक ही समान है। इसका इस्तेमाल आप सुविधाजनक रूप में कर सकते हैं।
इसका उत्पाद चाहे वो घरेलू बाजार में हो या फिर विदेशी बाजार हर जगह अच्छा है जिसके कारण इसका अनुमान लगाया नहीं जा सकता की ये कहां सबसे ज्यादा है। जिसके कारण भारत अपनी हींग कई अन्य देशों में निर्यात करता है जैसे- यमन, बेल्जियम, ओमान आदि।
अगर कोई भी व्यक्ति हींग का व्यापार करने की सोच रहा है तो उसे सबसे पहले ये सोचना चाहिए कि, इसकी प्रक्रिया जितनी आसान है उतना आसान इसको स्टोर करना नहीं है क्योंकि इसका कच्चा माल आता है ईरान और अफगानिस्तान से जिसको स्टोर करने के लिए हमारे पास भरपूर मात्रा में भड़ार घर नहीं है। इसलिए यदि आप इसको स्टोर करके रखने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले इसको रखने की जगह बनाए जहां इसे रखा जा सके आसानी से ताकि समय रहते ये इस्तेमाल में आ सके।
वैसे देखा जाय तो हींग बनाने की तकनीक एवं इसे संचालन करने की प्रक्रिया बेहद आसान है इसलिए इस व्यवसाय को कोई भी शुरू कर सकता है। लेकिन साथ में उद्यमी को यह भी समझना होगा की हमारे देश भारत में इसे बनाने में इस्तेमाल में लाये जाने वाला कच्चा माल यानिकी शुद्ध हींग अधिकतर बाहर देशों जैसे ईरान एवं अफगानिस्तान से आयात किया जाता है।
और यहाँ इसके भण्डारण की भी उचित व्यवस्था नहीं है इसलिए कच्चे माल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती Asafoetida Manufacturingमें उभरकर सामने आ सकती है। इसके बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति इस तरह का बिजनेस शुरू करना चाहता है तो आगे इस लेख में हम स्टेप बाई स्टेप इसी के बारे में वार्तालाप करने का प्रयत्न कर रहे हैं।
आपको इसके लिए सबसे पहले इसपर रिसर्च करनी होगी की जिसका आप व्यापार करने जा रहे हैं, उसकी मांग आसपास के एरिया में कितनी है। लोगों को कौन सी हींग सबसे ज्यादा पसंद आ रही है। उस जगह उसकी खरीदी कितनी है। इन सबका एक डाटा तैयार किया जाता है जिसे सरल भाषा में सर्वे भी कहते हैं। ये सर्वे आगे आने वाले समय में काफी महत्वपूर्ण साबित होते हैं, क्योंकि इसके जरिए ही हमें लोगों के विचारो के बारे में पता चलता है। इसी से बनती है मार्केट रिसर्च। क्योंकि माल तभी बिकता है जब लोगों को पसंद आता है ऐसे में इसका डाटा होना काफी जरूरी हो जाता है।
इस बिजनेस के लिए आपको ऐसी जगह का प्रबंध करना है, जिसके आसपास सुख-सुविधा मौजूद हो। जैसे- बिजली, पानी, ट्रांस्पोर्ट की सेवा आदि। इससे आपका काम आसान हो जाएगा साथ ही आपका आने वाला कच्चा माल भी आसानी से जगह पर पहुंच जाएगा। अब सबसे बड़ी चुनौती है कच्चे माल रखने की जगह। आपको इसके लिए एक बड़ा गोदाम या फिर कोई बड़ा कमरा ढ़ूंढ़ना पड़ेगा जिसमें आप अपना सामान आसानी से रख सकते हैं। साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखना पड़ेगा कि, मार्किट पास हो ताकि आपका सामान वहां तक पहुंचने में कोई दिक्कत ना हो।
हींग के बिजनेस को करने के लिए आपको कई तरह के लाइसेंस साथ ही रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ सकती है। आप इस बात की चिंता कर रहे हैं कि ये कैसे होगा तो इसकी चिंता मत करिए क्योंकि इसके नियम अलग हैं लेकिन अगर आप इसका पालन सही तरह से करेंगे तो ये आपको मिल जाएगा।
वैसे ये व्यवसाय इस बात पर निर्भर करता है कि, आप किस प्रकार के मशीनरी उपकरणों का चुनाव कर रहे हैं। मतलब इस उत्पाद की क्षमता कैसी रहेगी। क्योंकि समय के साथ इसमें कई प्रकार की मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन अगर आप चाहे तो कम बजट में भी इसका व्यापार शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आप मशीन कम लगा सकते हैं जिससे आपके बजट में आने वाली मशीन काम करेगी। लेकिन इसमें समय ज्यादा लगेगा। जैसे-जैसे काम बढ़ेगा आपको इसके लिए मशीनों का उत्पादन भी बढ़ाना पड़ेगा। क्योंकि इससे ही आप इसको आगे बढ़ा सकते हैं।
इसको बनाने का तरीका हर किसी का अलग-अलग होता है जैसे कोई इसका चूरा बनाकर बेचता है तो कोई इसकी ढली जिसका टुकड़ा लोग अपने घर पर बनाते हैं। तो कोई दरदरा बनाता है। जैसे-जैसे हींग के नाम वैसे-वैसे उसके प्रकार जो बदलते रहते हैं।
कर्मचारी या स्टाफ दोनों ही काफी जरूरी है लेकिन इसका फैसला करता है आपका व्यापार अगर आप इसे बड़े स्तर पर शुरू करने की सोच रहे हैं तो आप इसके लिए स्टाफ के साथ-साथ कर्मचारी भी रखेंगे जो आपकी पैकेजिंग और मार्किंटिग दोनों में मदद करेगा। जहां एकतरफ स्टाफ इसके मार्किट वेल्यू बढ़ाएगे वहीं कर्मचारी इसका उत्पाद दोनों मिलकर इसका काम करेंगे तभी आपके बिजनेस को मुनाफा मिलेगा।
हींग का व्यापार करने में आपको 50 हजार रूपये तक की लागत आ सकती है. लेकिन यदि आप मशीनरी, कर्मचारियों की सैलरी एवं अन्य खर्चों की बात करें तो शुरुआत में आपको 1 लाख रूपये तक का खर्च आ सकता है लेकिन ये खर्च एक बार आयेगा इसके बाद आपको लाखों में कमाई होगी.
हींग का व्यापार में आपको हर महीने 3 लाख रूपये तक की कमाई होगी. क्योकि इसकी डिमांड बहुत अधिक होती है. इसलिए लोग इसे खरीदते है. और इससे आपकी कमाई भी अधिक होगी.
इसके लिए आप डिब्बी या पैकेट में पैकेज का इंतजाम कर सकते हैं। कुछ ऐसी जगाहों के लिए जहां लोग पैकेट में लेना पसंद करते हैं उनके लिए उस प्रकार की पैकेजिंग तैयार करें और कुछ डिब्बी में छोटी-बड़ी दोनों प्रकार की। क्योंकि अगर कोई छोटी हींग पसंद करना चाहे तो वो छोटी डिब्बी ले सके। उसे बड़ी ना लेनी पड़े। इससे वो भी आराम से हींग ले पाएगा और आप इसे बेचने में सफल हो पाएगे।
आप इसे मार्किट की किराना स्टोर पर जाकर बेंच सकते हैं। अगर आपको इसे और अच्छा दिखाना है तो घर-घर जाइए लोगों को इसका स्वाद चखाइए जिसके बाद वो इसे जरूर खरीदे। आप इसके लिए ऑनलाइन वेबसाइट जहां जरूरत के सामान मिलते हैं वहां जाकर बेच सकते हैं। इससे आपका काम आसान हो जाएगा और लोगों को इसके बारे में पता भी चल जाएगा।
आप चाहे तो इसके लिए आप घर-घर जाकर इसकी मार्केटिंग कर सकते हैं, साथ ही आजकल ऑनलाइन के जमाने में इससे बढ़िया प्लेटफॉर्म आपको मिलेगा नहीं तो आप वहां जाकर भी इसका प्रमोशन कर सकते हैं। साथ ही आप इसके फ्री सेंपल लोगों को इस्तेमाल के लिए दे सकते हैं ताकि वो इसे एक बार इस्तेमाल करें और हमेशा इसका स्वाद याद रख वापस इसे बेचने आए।
इस काम को आगे बढ़ने में किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं है बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि, हींग जहां बन रही है वहां साफ सफाई रहे इसे सही प्रकार और सही मात्रा में तैयार किया जाए। बराबर तरीके से इसमें खुशबु हो, ताकि लोग इस खाकर प्रसन्न हो और इसे लेने दोबारा जरूर आए।
हींग बनाने का बिजनेस यानिकी Compounded Asafoetida बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को सर्वप्रथम जिस एरिया में वह यह व्यवसाय शुरू करना चाहता हो वहां पर रिसर्च करनी अति आवश्यक है। इसके लिए उद्यमी को उस एरिया में हींग की मांग का जायजा लेना होगा और फिर अपनी कम से कम बिक्री का भी जायजा लेना होगा जो उसे उसके व्यवसाय को बनाये रखने के लिए बेहद जरुरी है। अब अगला प्रश्न यह आता है की क्या उस एरिया में मौजूद हींग की माँग उसके व्यवसाय को बनाये रखने के लिए पर्याप्त है?
इसके अलावा मिश्रित हींग बनाने के लिए कच्चे माल को साल भर बनाये रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है इसलिए उद्यमी को उस एरिया में उपलब्ध कच्चे माल के सप्लायर से इस बारे में बात करने की आवश्यकता हो सकती है की क्या वह साल भर कच्चे माल की उपलब्धता बनाये रखने में सफल हो पायेगा।
यद्यपि इसमें कोई दो राय नहीं है की किसी भी बिजनेस के लिए लोकेशन की तलाश करना सबसे प्रमुख एवं जरुरी कार्य होता है। क्योंकि अधिकतर व्यवसाय ऐसे होते हैं जो उनकी लोकेशन की बदौलत ही सफलता का स्वाद चख रहे होते हैं। हालांकि जहाँ तक बात Compounded Asafoetida की है इसके लिए उद्यमी को ऐसी लोकेशन चाहिए होती है जहाँ सभी प्रकार की आधरभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी सड़कों इत्यादि का उचित प्रबंध हो।
और इसके लिए 500 Square Feet जगह काफी रहेगी और जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं लोकेशन ऐसी होनी चाहिए जहाँ से उत्पादित उत्पाद को टारगेट मार्किट तक आसानी से पहुँचाया जा सके। और आवश्यक कच्चा माल भी आसानी से ख़रीदा जा सके।
हींग बनाने का बिजनेस खाद्य से जुड़ा हुआ व्यवसाय है इसलिए व्यवसायिक तौर पर इसका निर्माण करने के लिए तरह तरह के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है। यदि कई मामलों में राज्य के आधार पर लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी नियम अलग भी हो सकते हैं। इसलिए Compounded Asafoetida व्यवसाय करने वाले उद्यमी को स्थानीय नियम एवं कानूनों के बारे में अवश्य पता करना चाहिए। कुछ की लिस्ट इस प्रकार से है।
वैसे देखा जाय तो इस व्यवसाय के लिए मशीनरी एवं उपकरणों का चयन इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी के व्यवसाय का आकार क्या होगा? अर्थात उद्यमी केCompounded Asafoetida प्लांट की उत्पादन क्षमता क्या होगी। क्योंकि इस व्यवसाय में विभिन्न प्रकार की मशीनरी एवं उपकरण इस्तेमाल में लाये जाते हैं। इसलिए मशीनरी का चयन उद्यमी उत्पाद की मांग एवं अपने बजट के अनुरूप कर सकता है वैसे शुरूआती स्तर पर कम बजट के साथ ही इस तरह के व्यवसाय को शुरू करना उचित हो सकता है। कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।
उद्यमी सप्लायर का चुनाव ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी मोड के माध्यम से कर सकता है। जहाँ तक कच्चे माल की बात है इसके लिए शुद्ध ईरानी या पठानी हींग की आवश्यकता होती है। जिसे उद्यमी पाउडर, टेबलेट या फिर गाँठ स्वरूप में तैयार करके देशी एवं विदेशी बाज़ारों में बेच सकता है।
Compounded Asafoetida Manufacturing में सर्वप्रथम हींग के पेस्टी मास को पानी में भिगोने की आवश्यकता होती है। उसके बाद इस प्रक्रिया में मिक्सर ग्राइंडर का इस्तेमाल करके आवश्यक अनुपात में अन्य सामग्री जैसे स्टार्च एवं गोंद को मिलाया जाता है। फिर इसमें भीगी हुई हींग के घोल को डालकर अच्छी तरह मिलाना होता है। उसके बाद इस मिश्रित हींग को मिलिंग मशीन की मदद से पाउडर स्वरूप में बनाया जाता है। वैसे आम तौर पर देखा गया है की हींग पाउडर स्वरूप में ही बाज़ारों में अधिक बिकती है लेकिन आप चाहें तो इसे टेबलेट एवं गाँठ स्वरूप में भी बनाकर बेच सकते हैं।
उसके बाद हींग को पैक करके बाजार में बेचने के लिए उतरा जा सकता है। अपने उत्पाद को बेचने के लिए उद्यमी स्थानीय रिटेलर से संपर्क कर सकता है और उन्हें अच्छी मार्जिन ऑफर कर सकता है ताकि वे ग्राहकों को उसका ही उत्पाद बेच पायें। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफोर्म के माध्यम से भी उद्यमी अपने उत्पाद बेच सकता है।
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