vishnu bhagwan ki puja ke bare mein – Anju Jadon News & Blogs https://anjujadon.com News & knowledge in Hindi Tue, 10 May 2022 04:03:23 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.5 https://anjujadon.com/wp-content/uploads/2023/03/cropped-anjujadon_new-32x32.jpg vishnu bhagwan ki puja ke bare mein – Anju Jadon News & Blogs https://anjujadon.com 32 32 क्यों चार महीने तक पाताल में रहते हैं भगवान विष्णु? https://anjujadon.com/vishnu-bhagwan-ki-puja-vishnu-bhagwan-ki-puja-ke-bare-mein/ https://anjujadon.com/vishnu-bhagwan-ki-puja-vishnu-bhagwan-ki-puja-ke-bare-mein/#respond Sun, 02 May 2021 19:53:57 +0000 https://anjujadon.com/?p=154 क्यों चार महीने तक पाताल में रहते हैं भगवान विष्णु?आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। सूर्य के मिथुन राशि में आने पर ये एकादशी आती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन से भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर लगभग चार माह बाद तुला राशि […]

<p>The post क्यों चार महीने तक पाताल में रहते हैं भगवान विष्णु? first appeared on Anju Jadon News & Blogs.</p>

]]>
क्यों चार महीने तक पाताल में रहते हैं भगवान विष्णु?
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। सूर्य के मिथुन राशि में आने पर ये एकादशी आती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन से भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर लगभग चार माह बाद तुला राशि में सूर्य के जाने पर पुन: सृष्टि का संचालन करते हैं, इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। इस बार देवशयनी एकादशी 11 जुलाई, सोमवार को है।

धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान हरि ने वामन रूप में दैत्य बलि के यज्ञ में तीन पग दान के रूप में मांगे। भगवान ने पहले पग में संपूर्ण पृथ्वी, आकाश और सभी दिशाओं को ढक लिया। अगले पग में सम्पूर्ण स्वर्ग लोक ले लिया। तीसरे पग में बलि ने अपने आप को समर्पित करते हुए सिर पर पग रखने को कहा। इस प्रकार के दान से भगवान ने प्रसन्न होकर पाताल लोक का अधिपति बना दिया और कहा वर मांगो। बलि ने वर मांगते हुए कहा कि भगवान आप मेरे महल में नित्य रहें। तब भगवान ने बलि की भक्ति को देखते हुए चार मास तक उसके महल में रहने का वरदान दिया। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से देव प्रबोधिनी एकादशी तक पाताल में बलि के महल में निवास करते हैं। इस समय को चातुर्मास कहते हैं।

चमत्कारी फल मिलता है देवशयनी एकादशी व्रत से
एक बार देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से देवशयनी एकादशी का महत्व जानना चाहा। तब ब्रह्माजी ने उन्हें बताया- सतयुग में मांधाता नामक एक चक्रवर्ती राजा था। उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी। एक बार उनके राज्य में भयंकर अकाल पड़ा। इस अकाल से चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। प्रजा ने राजा के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाई। राजा मांधाता यह देखकर बहुत दु:खी हुए। फिर इस कष्ट से मुक्ति पाने का कोई साधन करने के उद्देश्य से राजा सेना को लेकर जंगल की ओर चल दिए।

वहाँ वे एक दिन ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुँचे। अंगिरा ऋषि ने उनके जंगल में घुमने का कारण पूछा तो राजा ने अपनी समस्या बताई। तब महर्षि अंगिरा ने कहा कि सब युगों से उत्तम यह सतयुग है। इसमें छोटे से पाप का भी बड़ा भयंकर दंड मिलता है। ब्राह्मण के अतिरिक्त किसी अन्य जाति को तप करने का अधिकार नहीं है जबकि आपके राज्य में एक अन्य जाति का व्यक्ति तप कर रहा है इसीलिए आपके राज्य में वर्षा नहीं हो रही है। जब तक उसका अंत नहीं होगा तब तक यह अकाल समाप्त नहीं होगा।

किंतु राजा का हृदय एक निरपराध तपस्वी को मारने को तैयार नहीं हुआ। तब महर्षि अंगिरा ने राजा को आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। राजा के साथ ही सभी नागरिकों ने भी देवशयनी एकादशी का व्रत विधिपूर्वक किया। व्रत के प्रभाव से उनके राज्य में मूसलधार वर्षा हुई और पूरा राज्य धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया।

<p>The post क्यों चार महीने तक पाताल में रहते हैं भगवान विष्णु? first appeared on Anju Jadon News & Blogs.</p>

]]>
https://anjujadon.com/vishnu-bhagwan-ki-puja-vishnu-bhagwan-ki-puja-ke-bare-mein/feed/ 0