नीले रंग के फूल किस्मत बदलने की क्षमता रखते हैं।
Blue Flower make your Luck, Blue Flower Make your future. 
 
जैसे गुड़हल, कौमुदी, आक, अपराजिता, कमल का फूल और जंगली फूल इन सभी फूलों का रंग नीला होता है। फूल सिर्फ घर को सजाने के लिए ही नहीं  बल्कि पूजा में भी इनका प्रयोग किया जाता है। भिन्न-भिन्न रंगों के फूल अलग-अलग देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। शनिदेव, श्रीहरि विष्णु, श्रीकृष्ण और लक्ष्मीजी को नीले रंग के फूल बहुत प्रिय हैं। 
ज्योतिष के अनुसार नीले रंग के फूल किस्मत बदलने की क्षमता रखते हैं। इन्हें देवी- देवताओं को चढ़ाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और धन- समृद्धि में वृद्धि होती है। आईए बताते है नीले फूल के बारे में-

 

 

 
यदि कुंडली के आठवें और बारहवें शुक्र ग्रह के लिये : यदि कुंडली में आठवें भाव में शुक्र ग्रह है तो उसके अशुभ परिणामों को कम करने के लिए कभी किसी से दान नहीं लेना चाहिए। तांबे का सिक्का या नीले फूल को लगातार 43 दिन तक गंदे नाले में फेंकना शुभ माना जाता है।
इसके अलावा यदि शुक्र बारहवें भाव में बैठा है तो शुक्र ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सूर्यास्त के समय नीले रंग के फूल को जमीन में दबा देना शुभ माना जाता है। स्त्री नीला फूल या फल सूर्यास्त के समय किसी सुनसान जगह पर खोद कर दबाए, इससे स्वास्थ अच्छा रहेगा।
 
विवाह हेतु : विवाह में बार-बार बाधाएं और रूकावट आने पर व्यक्ति को सुनसान भूमि में अनार की लकड़ी से ज़मीन खोदकर नीले रंग के 11 फूल दबाना चाहिए। शनि के दुष्प्रभाव के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा है तो शनिवार के दिन अनार की लकड़ी से भूमि खोदकर  काला सुरमा दबाना चाहिए।
 
रोग निवारण हेतु : यदि षष्ठ भाव (पाताल) स्थित राहु समझ न आने वाला रोग दे रहा हो तो नीले फूलों से देवी सरस्वती (राहु की इष्ट देवी) की पूजा आराधना करनी चाहिए, इससे रोग से छुटकारा मिलता है।
 
– शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन अपराजिता के नीले फूलों से पीपल की पूजा करके उन्हें शनि देव को चढ़ा दें।
 
शनि शांति और धन प्राप्ति के लिए नीले रंग के फूल बहती नदी में बहाते समय शनिदेव से सुख और शांति के लिए प्रार्थना करें। माना जाता है कि शनिदेव को नीले रंग के फूल बहुत प्रिय है। शनिदेव को नीले लाजवंती के फूल चढ़ाने से भी सारी परेशानियां दूर होती हैं।
 
– मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान श्री कृष्ण को नीले रंग के फूल चढ़ाने से गरीबी दूर होती है। इस दिन पान न खाएं, किसी की चुगली न करें, क्रोध न करें, झूठ न बोलें, दिन के समय न सोएं, तेल में बना हुआ खाना न खाएं, कांसे के बर्तनों का प्रयोग न करें। व्रत न भी रखा जाए तो प्याज, लहसुन और चावल न खाएं।
 
– धन प्राप्ति के लिए प्रत्येक शुक्रवार महालक्ष्मी को नीले रंग का कमल चढ़ाएं। इस फूल का प्रयोग किसी को वश में करने के लिए भी किया जाता है।
 
 – माता तारा देवी को कमल का सफेद या नीला फूल चढ़ाने के साथ ही रुद्राक्ष के बने कानों के कुंडल, सूर्य शंख, नीले वस्त्र, अनार के दाने प्रसाद स्वरुप और भोजपत्र पर ”ह्रीं” लिखकर चढ़ाने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह पूजा विधिवत करने से मां भक्तों पर प्रसन्न होती हैं।
 
– लक्ष्मी को स्थिर रखने के लिए एक नारियल, लाल-पीला-नीला और एक सफेद फूल मां लक्ष्मी को चढ़ाएं और नवमी के दिन ये फूल नदी में बहा कर नारियल को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
 
– यदि ज्यादा मेहनत करने पर भी बरकत न हो रही हो तो मां लक्ष्मी की पूजा के साथ कमल के फूल की भी पूजा करें फिर इस फूल को लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी में रख दें।
 
– भगवान विष्णु, शिव और मां दुर्गा को विशेष मुहूर्त और दिन में नीले रंग के  अपराजिता पुष्प चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
 
 
यदि बहुत पैसा कमाने के बावजूद भी आप उसे सेविंग नहीं कर पा रहे हैं तो लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ कमल के फूल का भी पूजन करें तथा बाद में इस फूल को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या लॉकर में रखें।
इसके अलावा शनि शां‍ति हेतु प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद हनुमानजी का पूजन करें। पूजन में सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल का प्रयोग करें। ये उपाय आप हर शनिवार भी कर सकते हैं।
 

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