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जानिए कितनी पढ़ी-लिखी हैं भारत के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू |

Draupadi Murmu Education in Hindi: देश को जल्द ही पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिल सकती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एनडीए (NDA) की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला व आदिवासी राज्यपाल थीं. भारत के गौरवशाली इतिहास में एक पन्ना और जुड़ जाएगा. द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में ख्याति पाएंगी. B.A. तक की पढ़ाई कर चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू अचानक से रायसीना हिल्स की रेस में शामिल हुईं द्रौपदी मुर्मू का सफर बेहद संघर्षों भरा रहा है. ओडिशा के बेहद पिछले इलाके से आगे बढ़कर वह यहां तक पहुंची हैं. उनका जन्म 20 जून, 1958 को मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ.

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आदिवासी समुदाय संथाल से संबंध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू के पिता पंचायत मुखिया थे, फिर भी सफर आसान नहीं था. गरीबी से जूझते हुए उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से B.A. तक की पढ़ाई पूरी की. फिर ओडिशा सरकार में सिंचाई व उर्जा विभाग में जूनियर असिस्टेंट की नौकरी की. पढ़ने-पढ़ाने के शौक के चलते द्रौपदी मुर्मू लंबे समय तक एक टीचर के रूप में काम करती रहीं. रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर शिक्षक के तौर पर उन्होंने अपनी सेवाएं दीं. गरीबी और पिछड़े इलाके से होने की वजह से संघर्षों से भरा रहा शुरुआती जीवन गरीबी और पिछड़े इलाके से होने की वजह से संघर्ष कम मुश्किल नहीं था. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी, लेकिन जब लगा सब ठीक होगा, किस्मत ने द्रौपदी मुर्मू के साथ क्रूर मजाक भी किया. कम उम्र में ही पति श्याम चरण मुर्मू हमेशा के लिए साथ छोड़कर इस दुनिया से चले गए. यह दुख कम नहीं था कि उन्होंने अपने दोनों बेटों को भी हमेशा के लिए खो दिया. अब उनके परिवार में बेटी, नातिन और दामाद है.

सियासी सफर की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू ने 25 साल पहले वार्ड काउंसलर के तौर पर इस लंबी यात्रा की शुरुआत की थी. साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के चुनाव जीत हासिल कर वॉर्ड पार्षद चुनी गईं और नगर पंचायत की उपाध्यक्ष बनीं. वार्ड काउंसलर के बाद द्रौपदी मुर्मू विधायक बनीं फिर एक के बाद एक कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती चली गईं. पांच साल कार्यकाल पूरा करने के बाद भी पद पर ही थी द्रौपदी मुर्मू द्रौपदी मुर्मू ने मंत्री पद पर आने के बाद वाणिज्य और परिवहन विभाग और मत्स्य पालन के अलावा पशु संसाधन विभाग संभाला. साल 2015, 18 मई को उन्होंने पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल के रूप में शपथ ली. वह झारखंड की पहली राज्यपाल हैं, जिन्हें अपने पांच साल कार्यकाल पूरा करने के बाद भी उनके पद से नहीं हटाया गया था. 18 मई 2015 को उन्होंने झारखंड की पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. वह 6 साल, एक महीना और 18 दिन इस पद पर रहीं. वह रायरंगपुर से दो बार विधायक भी रहीं हैं. 2009 में नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल से नाता तोड़ने के बावजूद उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी. बीजेपी का हाथ थामा तो ओडिशा यूनिट की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की अध्यक्ष भी रहीं. 2013 में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (ST मोर्चा) के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था.

राज्यपाल का कार्यकाल रहा साफ-सुथरा
18 मई, 2015 को झारखंड की राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के पहले द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी थीं. राज्यपाल के तौर पर पांच वर्ष का उनका कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नई नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण उनके कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया था. अपने पूरे कार्यकाल में वह कभी विवादों में नहीं रहीं.

नवीन पटनायक सरकार में मंत्री रही हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल (बीजेडी) और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.

राजग की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंच गईं। यहां पहुंचते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुर्मू शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगी। राष्ट्रपति पद के लिए उनका  मुकाबला विपक्ष के साझा प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से होगा। 

भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा भाजपा नेता मनोज तिवारी ने मुर्मू का स्वागत किया। इसके बाद वे पीएम मोदी से मिलने उनके निवास पर गईं। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उनके राष्ट्रपति पद के नामांकन को समाज के सभी वर्गों ने पूरे देश में सराहा है। जमीनी समस्याओं और भारत के विकास के लिए उनकी समझ उत्कृष्ट है।’ 

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