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3232गंगाजल कहां रखना चाहिए | Gangajal Niyam: घर में किस स्थान और किस पात्र में रखे
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]]>घर में आखिर कहां और किस पात्र में रखना चाहिए गंगा जल, पढ़ें 8 जरूरी नियम
How to keep Gangajal at home: सनातन परंपरा में गंगा जल को बहुत ज्यादा पवित्र और मोक्ष दिलाने वाला माना गया है. अमृत के समान माने गए गंगा जल से जुड़े जरूरी नियम और उपाय जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
Gangajal Tips: हिंदू धर्म में गंगा जल के बगैर किसी भी देवी-देवता की पूजा या फिर धार्मिक-मांगलिक कार्य अधूरा माना गया है. मान्यता है कि गंगा के पावन जल में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि तमाम तीज-त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोग गंगा तट पर स्नान-दान आदि के लिए पहुंचते हैं ओर उसे किसी पात्र में रखकर अपने घर में लाते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि गंगाजल को किस पात्र में रखना और कहां रखना चाहिए? आइए गंगा जल से जुड़े जरूरी नियम और उपाय जानते हैं.
Rule Related to Gangajal : हिंदू सनातन धर्म में गंगा को केवल नदी नहीं बल्कि मां का दर्जा दिया गया है और इसलिए पूजा पाठ (Puja rules)और मांगलिक कार्यों में गंगाजल प्रयोग में लाया जाता है. हर साल तीर्थ के लिए जाते वक्त लोग गंगाजल भरकर ले आते हैं और पूरे साल पूजा अर्चना में, घर की शुद्धि के लिए इसका प्रयोग होता रहता है. गंगाजल इतना पवित्र है कि घर में इसकी मौजूदगी ही वातावरण को सकारात्मक बना देती है, इसलिए वास्तु शास्त्र (vastu tips) में गंगा जल को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं और खासकर गंगा जल को रखने की दिशा संबंधी नियम जरूर मानने चाहिए. चलिए जानते हैं कि वास्तु सम्मत नजरिए से गंगा जल को घर में किस स्थान पर और किस तरह रखना सही होता है.
तन, मन और आत्मा को पवित्र करने वाले गंगा जल को कभी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए.
पूजा के दौरान संकल्प में प्रयोग लाए जाने वाले गंगाजल को हमेशा कांसे या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए.
अगर गंगाजल को लोटे में रखते हैं तो चांदी, पीतल या तांबे के लोटे में रखकर ही पूजा करनी चाहिए.
गंगा जल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में स्टोर करके नहीं रखना चाहिए.
गंगाजल को कभी भी जूठे हाथ या फिर जूते-चप्पल पहनकर नहीं छूना चाहिए.
गंगाजल को कभी भी किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए.
पूजा के लिए उपयोग होने वाला गंगाजल खुद ईश्वरीय प्रतीक है, इसलिए इसके आस पास मांसाहारी भोजन नहीं पकना चाहिए और ना ही इसके नजदीक मदिरा आदि का सेवन करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने पर घर में नकारात्मकता और दुर्भाग्य आता है और गंगा जल अपवित्र हो जाता है.
प्रयास करना चाहिए कि गंगाजल को घर के पूजा घर में या पूजा घर के नजदीक ही रखें.
सबसे ज्यादा पवित्र और पूजनीय माने गए गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानि पूजा घर में या फिर उसके आस-पास ही रखना चाहिए.
यदि आपके पास थोड़ी मात्रा में गंगाजल है तो आप पूजा या स्नान करने वाले जल में उसे मिलाकर उसे गंगाजल की भांति ही प्रयोग में ला सकते हैं.
गंगाजल को कांच की बोतल में रखना चाहिए. प्लास्टिक की बोतल में इसे रखना अच्छा नहीं माना जाता.
गंगाजल को स्पर्श करके कभी झूठ या अपशब्द नहीं बोलना चाहिए.
ईश्वर की पूजा करने से पहले प्रत्येक दिन देवी-देवताओं और स्वयं को गंगाजल से जरूर पवित्र करना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में गंगा जल का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि शिव की जटाओं से निकली गंगा के पावन जल को यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन शिवलिंग पर चढ़ाता है तो उसे शीघ्र ही महादेव से मनचाहा आशीर्वाद मिलता है.
यदि आपको लगता है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो गया है या फिर कोई न कोई अपशकुन होता रहता है तो आपको प्रतिदिन अपने घर के हर कोने में पवित्र गंगाजल जरूर छिड़कना चाहिए.
मान्यता है कि गंगाजल छिड़कने से अचानक से लगने वाली बुरी नजर और रात में आने वाले बुरे सपने से बचाव होता है.