नई दिल्ली. आज करवाचौथ है. दिवाली और धनतेरस भी दूर नहीं हैं. इन मौकों पर ज्वेलरी खरीदना शुभ माना जाता है. अगर आप भी सोने के गहने खरीदने जा रहे हैं तो सावधान रहें क्योंकि छोटी सी चूक आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है. सोने के गहने खरीदते वक्त आपको इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए .
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1-अपने शहर में भाव जरूर पता करें
अगर आप सोना का सोने का सिक्का या गहने खरीद की सोच रहे हैं तो सबसे पहले उस शहर में सोने का भाव पता करें. हर शहर में सोने के दाम अलग-अलग हो सकते हैं. बाजार में आज का सोने का भाव चेक करें दरअसल, स्थानीय ज्वेलर्स एसोसिएशन विदेशी बाजार में भाव के हिसाब के स्थानीय स्तर पर सोने के भाव तय करती हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप दिल्ली में गहने खरीद रहे हैं तो दिल्ली सर्राफा एसोसिएशन के तरफ से जारी सोने का भाव पता कर लें. इसके अलावा कम से कम दो ज्वेलर्स से सोने का भाव जरूर पता कर के खरीदारी करें.
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2-कैरेट जांच लें
सोने की शुद्धता मापने का सबसे अहम पैमाना कैरेट होता है. कैरेट जितना ज्यादा होगा सोना उतना ही खरा होगा. ज्यादा कैरेट मतलब ज्यादा दाम. इसी तरह से कैरेट जितना कम होगा, सोना उतना ही सस्ता होगा. कई बार ज्वेलर्स सोने के गहने खरीदते वक्त ग्राहकों से 24 कैरेट के भाव वसूलते हैं.
ध्यान रखें कि सोने की कोई भी ज्वेलरी 24 कैरेट में नहीं बन सकती है क्योंकि 24 कैरेट सोना काफी ठोस धातु के रूप में होता है इसलिए बिना पिघलाएं इससे गहने बनाना बहुत ही मुश्किल है. आमतौर पर गोल्ड ज्वेलरी 22 कैरेट की बनती है. इस गुणवत्ता वाले सोना की ज्वेलरी में 91.66 फीसदी सोना होता है. कई बार सोने की ज्वेलरी को मजबूत बनाने के लिए इसमें जिंक, कॉपर, और चांदी को मिलाया जाता है.
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ऐसे समझें सोने की शुद्धता का गणित
1 कैरेट गोल्ड का मतलब होता है 1/24 पर्सेंट गोल्ड, यदि आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी।
24 कैरेट सोने के नहीं बनते आभूषण
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते, क्योंकि वो बहुत मुलायम होता है। आमतौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है। सभी कैरेट का हॉलमार्क अंक अलग होता। जैसे 24 कैरेट पर 999, 23 कैरेट सोने पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है। इससे शुद्धता में शक नहीं रहता।
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1 कैरेट सोने की कीमत कैसे निकालें?
अभी 24 कैरेट सोने का दाम सोना 53 हजार के करीब पहुंच गया है। जब आप बाजार में सोना खरीदने जाते हैं तो 22 कैरेट सोने का दाम (53000/24)x22=48583 रुपए होगा। ऐसे ही 20 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी। (53000/24)x20=44166 जबकि ये ही सोना ऑफर के साथ देकर ज्वैलर आपको ठगते हैं।
कैरेट | शुद्धता (%) |
24 | 99.9 |
23 | 95.8 |
22 | 91.6 |
21 | 87.5 |
18 | 75.0 |
17 | 70.8 |
3-हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें
हॉलमार्किंग का निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है. यह संस्था उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता के स्तर की जांच करती है. यदि सोने गहनों पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है. लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगाते हैं. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं?
असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है. गहने खरीदते वक्त आपको शुद्धता सर्टिफिकेट लेना न नहीं भूलना चाहिए. इस सर्टिफिकेट में गोल्ड के कैरेट जरूर चेक कर लें. साथ ही गोल्ड ज्वैलरी में लगे नगीने (स्टोन) के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें. इससे आपके ठगे जाने की गुंजाइश कम हो जाएगी. कई बार जल्दबाजी में सोना खरीदते वक्त ग्राहक इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है.
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सोने ज्वेलरी पर देना होता है टैक्स
सोने की जूलरी खरीदने पर इसकी कीमत और मेकिंग चार्ज पर 3 फीसदी का गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगता है। जूलरी की पेमेंट आप कैसे भी करें आपको आपको 3 फीसदी GST चुकाना होता है।
सोने ने एक साल में दिया 36 फीसदी का रिटर्न
पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 36 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। अगस्त 2019 को सोने की कीमत 38 हजार 950 रुपए थी जो अब 54 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। इस हिसाब से सिर्फ एक साल में ही सोने ने 36 फीसदी का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना लम्बे समय तक चलता है और इसके कारण बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है तो इसकी कीमत और बढ़ेगी।
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4-नगीना जड़ित ज्वेलरी से बचें
जब आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हों तो नगीने (स्टोन) लगी हुई ज्वेलरी से बचें. कई ज्वेलर्स गहने तौलते वक्त नगीने के वजन को भी इसमें शामिल कर लेते हैं और पूरे आइटम का भाव सोने के भाव के आधार पर तय करते है.
5-मेकिंग चार्ज में मोलभाव करें
हर ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज अलग-अलग होता है. इसकी सबसे खास वजह है कि हर गहनों की बनावट और कटिंग और फिनिशिंग अलग-अलग होती है. मशीन निर्मित ज्वेलरी मानव निर्मित ज्वेलरी से सस्ती पड़ती है. मेकिंग चार्ज दो तरह से तय होते हैं या तो सोने की कीमत पर प्रतिशत या प्रति ग्राम सोने पर फ्लैट मेकिंग चार्ज. कई ज्वेलर्स ग्राहकों के मोलभाव करने पर मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका कोई खास मानक अभी तक इंडस्ट्री में तय नहीं किया गया है.
सोने के सिक्के और बुलियन
के रूप में सोना खरीदनाबुलियनआम तौर पर बार या सिक्कों को सोना खरीदने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो भौतिक सोना खरीदना चाहते हैं। सोने के बुलियन, बार और सिक्के सोने के शुद्धतम भौतिक रूप से बनाए जाते हैं। बाद में, कोई सोने के सिक्कों और बुलियन को जटिल आकार में ढाल सकता है (जैसा कि शुद्ध सोने से आभूषण बनाने के लिए किया जाता है)। सोने के सिक्के विभिन्न आकारों में उपलब्ध हैं। सिक्कों का सामान्य आकार होता है2, 4, 5, 8, 10, 20 और 50 ग्राम. सोने की छड़ें, सिक्के और बुलियन 24K (कैरेट) के होते हैं, और इन्हें सुरक्षित रूप से में रखा जा सकता हैबैंक लॉकर या कोई अन्य सुरक्षित स्थान।.
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गोल्ड ईटीएफ
एगोल्ड ईटीएफ (विनिमय व्यापार फंड) एक ऐसा उपकरण है जो सोने की कीमत पर आधारित होता है या सोने के बुलियन में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ का कारोबार प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में किया जाता है और वे गोल्ड बुलियन के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं। जब सोने की कीमत बढ़ती है, तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का मूल्य भी बढ़ता है और जब सोने की कीमत नीचे जाती है, तो ईटीएफ अपना मूल्य खो देता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को सोने में भाग लेने की अनुमति देता हैमंडी आसानी से और पारदर्शिता भी प्रदान करते हैं, लागत-दक्षता और सोने के बाजार तक पहुंचने का एक सुरक्षित तरीका।. जो निवेशक निवेश करना चाहते हैं, वे गोल्ड ईटीएफ ऑनलाइन खरीद सकते हैं और इसे अपने पास रख सकते हैंडीमैट खाता. एकइन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं।.
गोल्ड फंड
सोना खरीदने के अन्य तरीकों में से एक गोल्ड फंड के माध्यम से है। गोल्ड फंड हैंम्यूचुअल फंड्स जो सोने के खनन और उत्पादन में लगी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है। इस पद्धति के तहत, रिटर्न निवेश की गई कंपनियों की इक्विटी और फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।निवेश गोल्ड फंड में निवेश करना आसान है और इसके लिए डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं होती है।.
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ई-गोल्ड
वर्ष 2010 में, नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसई) ने पेश कियाई-गोल्ड भारत में। ई-गोल्ड निवेशकों को भौतिक सोने की तुलना में बहुत कम मूल्यवर्ग (1 ग्राम या 2 ग्राम) के सोने में निवेश करने की अनुमति देता है। ई-गोल्ड खरीदना और बेचना ज्यादा सुविधाजनक है। जैसे हम दुकानों और बैंकों से भौतिक सोना खरीदते हैं, वैसे ही हम एक्सचेंज से इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से ई-गोल्ड खरीद सकते हैं। ई-गोल्ड को किसी भी समय भौतिक सोने में बदला जा सकता है। निम्न में से एकनिवेश के लाभ ई-गोल्ड में यह है कि ई-गोल्ड रखने की कोई होल्डिंग लागत नहीं है।.
सोना वायदा.
गोल्ड फ्यूचर्स एक सौदे को संदर्भित करता है जिसमें एक व्यक्ति एक प्रारंभिक भुगतान करके एक निर्धारित तिथि पर सोने की डिलीवरी लेने के लिए सहमत होता है, जिसमें समझौते के अनुसार पूरा भुगतान किया जाता है। यह व्यापार अटकलों पर आधारित है, जिसमें उच्च जोखिम शामिल है। गोल्ड फ्यूचर्स का कारोबार एमसीएक्स पर होता है और गोल्ड फ्यूचर्स की कीमत सोने की कीमतों को ट्रैक करती है। गोल्ड फ्यूचर्स जोखिम भरा निवेश है, क्योंकि किसी को नुकसान होने पर भी अनुबंध का निपटान करना पड़ता है।.
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पेटीएम एप से कैसे खरीदें डिजिटल गोल्ड
स्टेप 1: सबसे पहले यूजर को पेटीएम एप पर जाना होगा और होमपेज पर सर्च बार में जाकर गोल्ड सर्च करना होगा। आइकन को टैप करने के बाद यूजर्स पेटीएम गोल्ड के पेज पर पहुंच जाएंगे।
स्टेप 2: पेटीएम गोल्ड के पेज पर यूजर्स को गोल्ड खरीदने के दाम दिखाई देंगे। यहां दो तरीके से गोल्ड को खरीदा जा सकता है।
स्टेप 3: पेटीएम गोल्ड से गोल्ड खरीदने के लिए या तो अमाउंट या फिर वजन के जरिए गोल्ड को खरीदा जा सकता है।
स्टेप 4: अगर यूजर चुनाव कर चुका है कि कैसे डिजिटल गोल्ड खरीदना है तो उसके बाद Proceed बटन दबाना होगा। इसके बाद पेटीएम एप पर प्रति ग्राम गोल्ड की कीमत दिख जाएगी। ये कीमत जीएसटी मिलाकर है जो 3 प्रतिशत है। पेटीएम गोल्ड का दावा है कि उनका डिजिटल गोल्ड 24 कैरेट और 99.9 शुद्धता के साथ आता है।
स्टेप 5: इसके बाद पेमेंट मोड का इस्तेमाल करें कि आप किस तरीके से डिजिटल गोल्ड खरीदने के लिए पेमेंट करना चाहते हैं। अगर आपके पास प्रोमो कोड है तो पेमेंट करने से पहले आप उसको अप्लाई करके प्रोसेस कर दें। ताकि आपको कैशबैक या गोल्डबैक मिल सके। एक बार पेमेंट के सफल हो जाने के बाद डिजिटल गोल्ड एप में मौजूद आपके लॉकर में शामिल हो जाता है।
पेटीएम गोल्ड के फीचर्स
पेटीएम पर गोल्ड खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।
1) पेटीएम पर यूजर्स न्यूनतम 1 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक गोल्ड खरीद सकते हैं। अगर ग्राम में बात की जाए तो यूजर्स 0.0005 ग्राम से लेकर मैक्सिमम 50 ग्राम तक गोल्ड को खरीद सकते हैं।
2) इसके अलावा गोल्ड को बेचने की शुरुआत भी न्यूनतम 1 रुपये या ग्राम में बात की जाए तो 0.00005 ग्राम से ही होती है।
3) लाइव प्राइस 6 मिनटों तक वैलिड तक होता है तब तक यूजर्स को ट्रांजएक्शन पूरा कर लेना चाहिए।
4) सेल के टाइम पर यूजर्स को अपना बैंक अकाउंट और आईएफएससी डिटेल्स को मुहैया कराने की जरूरत है। ये पैसा यूजर्स के अकाउंट में 72 घंटों में क्रेडिट हो जाता है।
5) यूजर्स अपने चाहने वालों को भी गिफ्ट के तौर पर डिजिटल गोल्ड दे सकते हैं।
6) यूजर्स इसके अलावा होल्डिंग को सोने के सिक्कों में तब्दील कर सकते हैं। सोने के सिक्कों में बदलने के लिए न्यूनतम मूल्य 1 ग्राम से शुरू होता है। हालांकि ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि एक्स्ट्रा डिलीवरी और मेकिंग चार्ज इसमें लागू होंगे।
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