vanilla farming

हमारे देश में ऐसी कई फसलें है, जिनकी खेती कर आप बहुत ही कम समय में धनवान अर्थात करोड़पति बन सकते है | इन फसलों का विवरण इस प्रकार है:-

चंदन की खेती (Sandalwood Cultivation)

चन्दन का पौधा बहुत ही खुशबूदार पौधा होता है | हमारे देश में चन्दन की लगभग 20 प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। चंदन का प्रयोग धार्मिक कार्यों के अलावा, औषधियों को बनानें, परफ्यूम या इत्र बनानें, बच्चों के खिलौने बनानें, हवन सामग्री बनाने आदि के अलावा और भी कई प्रकार की चीजें बनानें में चन्दन का उपयोग किया जाता है| हमारे देश में चन्दन की खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र,गुजरात, मध्यप्रदेश (MP) और राजस्थान में होती है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चन्दन की खेती के लिए बेहतर मिट्टी, पानी और उचित तापमान की आवश्यकता होती है| चन्दन की खेती कर आप करोड़ों की कमाई कर सकते हैं। हालाँकि चन्दन की खेती करनें के लिए आपको फारेस्ट डिपार्टमेंट से लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है |

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तुलसी की खेती (Basil cultivation)

तुलसी एक औषधीय और यह बहत ही लाभकारी पौधा होता है | आमतौर पर तुलसी के पौधे की ऊंचाई 30 से 60 सेमी तक होती है | तुलसी की खेती कर आप करोड़ो रुपये की आमदनी कर सकते है| इसके लिए कटिबंधीय (Tropical) और उष्णकटिबंधीय दोनों ही तरह की जलवायु उपयुक्त होती है| यह एक ऐसा पौधा होता है, जिसकी फसल कभी ख़राब नही होती है लेकिन इसकी देखभाल करना जरूरी होता है |

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मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation)

वर्तमान समय में मशरूम की डिमांड काफी अधिक है और लगातार इसकी मांग बढती जा रही है | मशरूम एक ऐसी फसल है, जिसकी लगत से 6 गुना कमाई कर सकते है | मार्केट में जितनी इसकी डिमांड है, उस हिसाब से इसका उत्पादन नही हो रह है| जिसके कारण इसके दामों में भारी बढ़ोत्तरी देखनें को मिलती है|

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Champignons growing on a mushroom farm. Mushroom production industry

मशरूम की खेती से आप करोड़पति बन सकते है | हालाँकि खेती करनें के लिए आपको विशेष प्रकार की ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है | 

वनीला की खेती (Vanilla cultivation)

वनीला को मुख्य रूप से एल्कोहल, मिठाई बनानें, आइसक्रीम और परफ्यूम आदि अनेक प्रकार की चीजों को बनानें में उपयोग किया जाता है| मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है और भविष्य में इसकी मांग बढ़ने की संभावनाएं काफी अधिक है| वनीला की खेतीकर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते है |

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ईसबगोल की खेती (Isabgol Cultivation)

भारत में ईसबगोल की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात,हरियाणा और पंजाब में की जाती है | इसका पौधा एक औषधीय पौधा होता है| इसकी खेती कर आप लाखों की कमाई कर सकते है| इसकी खेती करनें के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। इसकी भूसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं और यह हमारे पाचनतंत्र के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है |

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Isabgol Farming

एलोवेरा की खेती (Aloe cultivation)

वर्तमान समय में एलोवेरा का इस्तेमाल सबसे अधिक सौन्दर्य प्रसाधन करने वाली चीजो के निर्माण में किया जाता है | इसके अलावा इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है | मार्केट में एलोवेरा की डिमांड काफी अधिक है| इसकी खेती करके आप अच्छी आमदनी कर सकते है| यहाँ तक कि आने वाले समय में इसकी डिमांड बढ़ने की संभावनाएं काफी अधिक है | एलोवेरा की खेती के लिएरेतीली मिट्टीबहुत उपयुक्त मानी जाती है| भारत में एलोवेरा की कई प्रजातियाँ पाई जाती है, यहाँ तक कि आमतौर पर इसे घरों में देखा जा सकता है|

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Aloe Vera Farming

अफीम की खेती (Opium cultivation)

भारत में अफीम की खेती गैरकानूनी है और इसकी खेती करनें के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना होता है | अफीम की खेती एक ऐसी खेती है, जिसमें मुनाफा सबसे अधिक मिलता है|

इसकी खेती करनें आप बहुत ही कम समय में करोड़पति बन सकते है| अफीम की खेती के लिए अक्टूबर और नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है |

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Opium cultivation
Opium cultivation

अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha cultivation)

अश्वगंधा की खेती करके आप अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर सकते है | अश्वगंधा की खेती मुख्य रूप से सितंबर और अक्टूबर के महीने में की जाती है| भारत में अश्वगंधा की खेती सबसे अधिक बिहार और उत्तर प्रदेश में की जाती है|

अश्वगंधा के फल के बीज और छाल से अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाईयां बनायीं जाती है| मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है| अश्वगंधा के बीज के अनुकरण में लगभग 7 से 8 दिन का समय लगता है | अश्वगंधा की फसल की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक की जाती है |

Ashwagandha cultivation

सफेद मुसली की खेती (White Muesli Cultivation)

सफेद मुसली की खेती करनें में परिश्रम की आवश्यकता सबसे अधिक होती है | हालाँकि इसकी खेती से आमदनीं भी बहुत अच्छी होती है| सफेद मुसली एक यूनानी और आयुर्वेदिक दवा है| इसके फल को भूमि के अन्दर उगाया जाता है और जमीन के ऊपर निकलने वाले फूलों से बीज बनाकर मार्केट में बेचा जाता है| मार्केट में सफेद मुसली की डिमांड बहुत अधिक है| सफेद मुसली से खांसी, पीलिया, अस्थमा,बवासीर और चर्म रोगइत्यादि की दवा बनायीं जाती है | इसकी खेती के लिए काली चिकनी मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है |

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White Muesli Cultivation
White Muesli Cultivation

मसालों की खेती (Spices Cultivation)

दुनिया के लगभग सभी देशों में मसालों की मांग काफी अधिक है | इसके बावजूद इनका उत्पादन सिर्फ गिने चुने देशों में ही होता है| यदि आप एक किसान है, और आपके पास खेती करनें के लिए उपयुक्त जमीन है, तो मसालों की खेती कर कुछ ही समय में करोड़पति बन सकते है| हलाकि इसकी खेती करनें से पहले आपको इसके उत्पादन से सम्बंधित (मिट्टी, खाद, पानी ) आदि के बारें में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए| खासकर मसालों में धनिया, काली मिर्च, मेथी, जीरा, हल्दी, अदरक और इलायची आदि आते है|

Spices Cultivation Farming

सागवान की खेती (Sagwan’s Farming)

मजबूती के मामले में सागवान की लकड़ी को बहुत ही अच्छा माना जाता है | इसकी लकड़ी का उपयोग मुख्य रूप से आलीशान बंगले, फर्नीचर और जहाजों के निर्माण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है | मार्केट में सागवान के 12 से 15 माह के तैयार पौधा लगभग 200 रुपये तक मिल जाता है| आप 1 एकड़ में सागवान के 500 से 600 पौधे आठ से दस फुट की दूरी पर बड़ी आसानी से लगा सकते है| इसके साथ ही इन पौधौ के बीच बचने वाली जगह में अरहर, उड़द और मूंग जैसी फसलों का उत्पादन कर सकते है | सागवान का एक पेड़ लगभग 13 से 15 वर्ष में तैयार हो जाता है | इसके मुख्य तने की लम्बाई लगभग 35 से 40 फुट तक होती है | जिसका मार्केट में मूल्य लगभग 3 हजार रुपये प्रति घन फुट होता है |

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फूलों की खेती (Flower’s Farming)

यदि आप खेती से करोड़पति बनना चाहते है, तो फूलों की खेती आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है | फूलों की ऐसी कई प्रजातियाँ है, जिनकी भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी बहुत अधिक मांग है | दरअसल फूल दिखनें में जितने आकर्षक और सुन्दर होते है, उतने ही इसमें औषधीय गुण पाए जाते है| फूलों से विभिन्न प्रकार औषधियां बनायीं जाती है, इसके अलावा फूलों से सौन्दर्य प्रसाधन (Cosmetics) की चीजे और परफ्यूम (Perfume) भी बनाया जाता है | फूलों के खेती के अंतर्गत आप ग्लाईडोलियस (Gladolius), गेंदा, ड़ेंजी, गुलाब और सूरजमुखी आदि की खेती कर सकते है | फूलों की खेती में सबसे खास बात यह है, कि आप इनकी 1 वर्ष में 3 बार फसले ले सकते है |

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केसर की खेती (Kesar Farming)

केसर एक बहुत ही खुश्बुदार पौधा होता है और इसे लाल सोना भी कहते है | केसर की खेती आपको बहुत ही कम समय में करोड़पति बना सकती है| हालाँकि इसकी खेती करना काफी कठिन होता है क्योंकि इसकी बुवाई से लेकर इसके फूलों को एकत्र करने तक का समस्त कार्य आपको हाथों से ही करना पड़ता है|

केसर की खेती के लिए समुद्र तल से 1500 से 2500 मीटर ऊंचाई का क्षेत्र सबसे उपयुक्त माना जाता है| केसर की खेती 2 से 3 महीनों में तैयार हो जाती है और मार्केट में बहुत ही ऊँचे दामों में बिकता है|

ईलायची की खेती (Cultivation of Ilayachi)

इलायची का उपयोग चाय बनानें से लेकर अनेक प्रकार की औषधियां बनानें में किया जाता है | इलायची को मसालों की रानी भी कहते है |  इलायची का पौधा तैयार होनें में लगभग 3 वर्ष का समय लगता है और पूरी तरह से तैयार हो जाने पर यह 25 से 30 वर्ष तक कमाई देता है| इसकी खेती के लिये उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे अधिक उपयुक्त मानी जाती है| जहाँ गर्मियों के मौसम में कम से कम 10 डिग्री सेंटीग्रेड और सर्दियों में 35 डिग्री सेन्टीग्रेड टेम्प्रेचर की आवश्यकता होती है|

इलायची के पौधे की ऊंचाई लगभग 5 से 7 फीट तक होती है और 1 एकड़ में लगभग 150 से लेकर 170 किलोग्राम तक का उत्पादन होता है | मुख्य रूप से इलायची की छोटी और बड़ी 2 किस्में होती है, जो मार्केट में 2 से 5 हजार रुपये प्रति किलों के हिसाब से बेंची जाती है |

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किन्नू की खेती (Kinnow Farming)

किन्नू का फल हल्का खट्टा और बुत ही स्वादिष्ट होता है, जो देखने में सुनहरे संतरी रंग का होता है | यह एक नीबू प्रजाति का फल है, जिसकी खेती से आप कुछ ही समय में करोड़पति बन सकते है | दरअसल यह यह केले और आम के बाद तीसरा सबसे अधिक बिक्री वाला फल है | आप इसे 1 एकड़ में लगभग 200 से 250 पौधे लगा सकते है|

इसकी खेती में सबसे बड़ा लाभ यह है, जब तक इसके पौधे बड़े नही हो जाते तब तक इनके बीच में अन्य फसलों का उत्पादन कर सकते है | इसकी खेती के लिए चिकनी और रेतीली दोमद मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है |भारत में किन्नू का उत्पादन सबसे अधिक पंजाब में किया जाता है |

प्याज की खेती (Onion Farming)

जब कभी महगाई का जिक्र होता है, तो प्याज का नाम सबसे पहले लिया जाता है | प्याज एक ऐसी चीज है, जिसके उपयोग सभी प्रकार की सब्जियों को बनानें के अलावा सलाद के रूप में भी किया जाता है | हालाँकि जब प्याज की पैदावार होती है, तो बाजार में इसका भाव काफी कम होता है | लेकिन पूरे साल में एक बार ऐसा समय आता है, जब इसका भाव 70 से 100 रुपये के करीब पहुँच जाता है | इसके लिए आपको 2 से 3 महीन का इन्तजार करना होता है और तब तक इसे कोल्ड स्टोर में रखना होता है और उचित भाव होनें पर इसे बेंच दिया जाता है|

यदि हम इसके उत्पादन की बात करे, तो 1 बीघे में लगभग 50 कुंतल तक पैदावार होती है | इस हिसाब से यदि आप 10 बीघा खेत में इसका उत्पादन करते है, तो एक सीजन में लगभग 500 कुंतल का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है | इस प्रकार आप प्याज की खेती कर 5 से 6 वर्षो में करोड़पति बन सकते है |       

खेती से अमीर (करोड़पति) कैसे बने ?

बताई गई फसलों की खेती करके हम अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है, और अभी अन्य ऐसी फसलें जैसे – हॉप सूट्स की खेती या फिर बताई गई फसलें जो समय पर अच्छा मूल्य प्रदान करती है, इनके माध्यम से अमीर (करोड़पति) खेती करके बन सकते है |

One thought on “सबसे ज्यादा कमाई कौन सी फसल में होती है? Which is The Highest Grossing Crop?”

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